-पहली पारी में 38.09 व दूसरी पारी में 34.41 प्रतिशत रही उपस्थिति
उदयपुर। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जयपुर की ओर से रविवार को आयोजित वनपाल सीधी भर्ती परीक्षा 2020 के गत माह निरस्त पेपर की परीक्षा दो पारी में संपन्न हुई। इस बार पिछली परीक्षा में शामिल हुए अभ्यर्थियों के मुकाबले कम उपस्थिति रही।
परीक्षा समन्वयक एवं अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) ओपी बुनकर ने बताया कि वनपाल सीधी भर्ती परीक्षा की सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक पहली पारी में कुल 121 केंद्रो ंपर कुल 33720 अभ्यर्थियों में से 12843 अभ्यर्थी ही परीक्षा में शामिल हुए जबकि 20877 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। इस पारी में मात्र 38.09 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई। इसी तरह अपराह्न 3 बजे से शाम 5 बजे तक दूसरी पारी में कुल 111 केंद्रों पर 32025 अभ्यर्थियों में से 11020 अभ्यर्थी ही परीक्षा में शामिल हुए जबकि 21005 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। दूसरी पारी में 34.41 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई। बता दें गत 13 नवम्बर को पहली पारी में कुल पंजीकृत 30435 अभ्यर्थियों में से 13387 अभ्यर्थी तथा दूसरी पारी में कुल पंजीकृत 30520 अभ्यर्थियों में से 11885 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए थे। पहली पारी में 43.99 प्रतिशत जबकि दूसरी पारी में 38.94 प्रतिशत उपस्थिति रही थी।
माकुल व्यवस्थाओं से नहीं बने जाम जैसे हालात
वनपाल व वनरक्षक की परीक्षा के लिए आसपास के जिलों के में डूंगरपुर, बांसवाड़ा,आसपुर, धरियावद, प्रतापगढ़ आदि स्थानों से अभ्यार्थी परीक्षा देने के लिए पहुंचे थे। अभ्यर्थियों की संख्या कम होने से इस बार शहर के प्रमुख मार्गों व बाजारों तथा रोडवेज बस स्टेण्ड, रेलगाड़ियों में ज्यादा भीड़भाड़ जैसे हालात नहीं रहे। हालाकि जिला प्रशासन की ओर से यातायात दबाव की संभावनाओं को देखते हुए ऐहतियात के तौर पर माकुल व्यवस्था की गई थी। बड़े व भारी वाहनों की आवाजाही के लिए विशेष मार्ग तय किए गए। इसके चलते प्रमुख मार्गों पर यातायात दबाव व जाम जैसे हालात का सामना नहीं करना पड़ा।
परीक्षा आयोजन को लेकर बोर्ड की थी सख्त हिदायतें
राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष हरिप्रसाद शर्मा ने विगत परीक्षाओं के आयोजन के अनुभव को ध्यान में रखते हुए जिला कलक्टर ताराचंद मीणा को परीक्षा निष्पक्ष व सुचितापूर्ण, सतर्कता बरतने की सख्त हिदायतें देने के साथ ही दिशा-निर्देशों की कठोरता से पालना सुनिश्चित करने के लिए पाबंद भी किया। इसके चलते परीक्षा समय से एक घंटे पूर्व तक परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया। इसके बाद प्रवेश द्वार बंद कर दिए गए और किसी को भी भीतर नहीं लिया गया। पेपर पैकेट लेने के लिए ट्रेजरी परीक्षा समय से दो घंटे पहले खोली गई। पेपर गोपनीय सामग्री परीक्षा केंद्र पर करीब एक घंटे पहले ही पहुंचाए गए और परीक्षा केंद्र पर पेपर पैकेट्स आधे घंटे पहले ही पर्यवेक्षक की उपस्थिति में खोले गए। इस पूरी प्रक्रिया की पूर्ण वीडियोग्राफी की गई।
निरस्त हुए पेपर देने पहले जितने भी नहीं पहुंचे
