भीलवाडा, 18 जुलाई। कृषि विज्ञान केन्द्र एवं अरणिया घोड़ा शाहपुरा द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का 95वाँ स्थापना दिवस मनाया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. सी.एम. यादव ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के माध्यम से किसानों की आमदनी दुगुनी करने के प्रयासों पर चर्चा करते हुए केन्द्र की गतिविधियों से किसानों को रूबरू करवाया। डॉ. यादव ने मोटा अनाज उत्पादन हेतु किसानों से आह्वान किया और बताया कि मोटा अनाज कम लागत एवं कम पानी में भी उत्पादित किया जा सकता है साथ ही पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, समृद्धि एवं खुशहाली के लिए हर मेड़ पर पेड़ लगाने की आवश्यकता जताई।
केन्द्र के प्रोफेसर के. सी. नागर ने बताया कि किसान केन्द्र द्वारा संचालित प्रशिक्षणों, विचार गोष्ठियों, किसान मेलों, प्रक्षेत्र परीक्षणों आदि के माध्यम से अपने ज्ञान का विस्तार कर कृषि के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकते है। डॉ. राजेश जलवानियाँ, उद्यान वैज्ञानिक ने किसानों को मातृवृक्ष बगीचे का रेखांकन एवं उन्नत सब्जी उत्पादन द्वारा आत्मनिर्भर बनने का मार्ग प्रशस्त किया। डॉ. जलवानियाँ ने ग्रीन हाउस एवं प्लास्टिक मल्च की उपयोगिता से अवगत कराया।
फार्म मैनेजर गोपाल लाल टेपन ने किसानों को समन्वित कृषि प्रणाली एवं कृषि में नवाचारों का समावेश द्वारा आर्थिक स्थिति मजबूत करने की आवश्यकता प्रतिपादित की। तकनीकी सहायक हेमलता मीणा ने केन्द्र पर स्थापित सजीव इकाइयों का भ्रमण करवाकर किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकी अपनाने का सुझाव दिया। नाबार्ड की ए.जी.एम. सुश्री वसुंधरा ने नाबार्ड की गतिविधियों एवं कृषक हितार्थ संचालित योजनाओं के साथ ही कृषक उत्पादक संगठन के बारे में जानकारी दी।
प्रशिक्षण में कृषक उत्पादक संगठन एफपीओ के निदेशक एवं सदस्य भी उपस्थित रहे जिन्होंने चार्टर्ड एकान्टेन्ट अरूण काबरा द्वारा एफपीओ हेतु लेखा सम्बन्धी जानकारी प्राप्त की। एफपीओ के सीईओ महिपत सिंह चुण्ड़ावत ने एफपीओ की गतिविधियाँ एवं प्रगति के बारे मे चर्चा की। सहायक कृषि अधिकारी नन्द लाल सेन ने किसानों का पंजीयन किया। वरिष्ठ अनुसंधान अध्येता प्रकाश कुमावत ने समन्वित कृषि प्रणाली अपनाकर आमदनी बढ़ाने का सुझाव दिया।
तकनीकी दिवस के दौरान ड्रॉन द्वारा फसल में उर्वरक का छिड़काव, वर्मीकम्पोस्ट, सिरोही बकरी इकाई प्रतापधन मुर्गी इकाई, मछली इकाई, श्री अन्न वाटिका, मातृवृक्ष बगीचा आदि तकनीकियों की जानकारी दी एंव भ्रमण करवाया गया। भीलवाड़ा गोटरी प्राईड फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी के निदेशक पुष्कर खटीक, कैलाश चन्द्र शर्मा, सत्यनारायण व्यास, प्रभु लाल मेघवंशी एवं मदन लाल कुमावत, प्रताप सिंह चुण्ड़ावत उपस्थित रहे। कार्यक्रम में भीलवाड़ा के 222 एवं शाहपुरा के 158 किसानों की सहभागिता रही।
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