5G टेक्नोलॉजी की एक नई प्रौद्योगिकी क्रांति

संचार क्षेत्र में 5G टेक्नोलॉजी का उपयोग व चुनौतियां निश्चित रूप से एक नई प्रौद्योगिकी क्रांति लेकर आएगा! जो आज काम टेक्नोलॉजी के युग में हो रहे हैं वह 5G के कार्यान्वयन से काफी गुना बढ़ जाएगा! इसके उपयोग से आम आदमी का रुझान टेक्नोलॉजी की ओर और बढ़ेगा! 5G टेक्नोलॉजी का उपयोग सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) जो कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने 2030 तक पूरे करने की योजना बनाई है उसमें इसका महत्वपूर्ण योगदान रहेगा! 5G टेक्नोलॉजी जल्द ही अपने देश के अंदर लागू होने वाली है और उसका उपयोग आमजन के लिए अक्टूबर 2022 से विभिन्न संचार कंपनियों के द्वारा लागू किया जाएगा!

5G टेक्नोलॉजी कैसे काम करता है – 5G टेक्नोलॉजी एक नए आर्किटेक्चर पर काम करता है! 5G न्यू रेडियो, अधिक सक्षम 5G वायरलेस एयर इंटरफेस के लिए वैश्विक मानक स्पेक्ट्रम को कवर करेगा। नए एंटेना में बड़े पैमाने पर MIMO (मल्टीपल इनपुट, मल्टीपल आउटपुट) के रूप में जानी जाने वाली तकनीक शामिल होगी, जो एक ही समय में कई ट्रांसमीटर और रिसीवर को अधिक डेटा ट्रांसफर करने में सक्षम बनाती है। लेकिन 5G तकनीक नए रेडियो स्पेक्ट्रम तक सीमित नहीं है। यह लाइसेंस प्राप्त और बिना लाइसेंस वाली वायरलेस प्रौद्योगिकियों के संयोजन के एक अभिसरण, विषम नेटवर्क का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

5G Vs 4G टेक्नोलॉजी में मुख्य अंतर – 5G टेक्नोलॉजी में तीन नए पहलू है 4G टेक्नोलॉजी से : [1] बड़े चैनल, डाटा ट्रांसफर की रेट (डाउनलोड व अपलोड) 4G टेक्नोलॉजी से 10 गुना बढ़ जाएगी [2]. कम विलंबता (अधिक प्रतिक्रियाशील होने के लिए), और [3] एक साथ बहुत अधिक उपकरणों को जोड़ने की क्षमता (सेंसर और स्मार्ट उपकरणों के लिए)

5G टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी प्राइवेसी क्षेत्र में शोध के कुछ अंश

डॉ. हिरण व उनकी टीम अभी 5G टेक्नोलॉजी और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) के आर्किटेक्चर पर काम कर रही है! अभी हाल ही में 5G टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी एंड प्राइवेसी विकासशील देशों के लिए एक पुस्तक लिखी है, जिसका वायरलेस वर्ल्ड रिसर्च फोरम (WWRF), स्विट्जरलैंड, व रिवर पब्लिशर्स, डेनमार्क ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशन किया है!

इस बुक में 5G टेक्नोलॉजी के उपयोग व चुनौतियां के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है! कि किस प्रकार विकासशील देश 5G टेक्नोलॉजी का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में जैसे कि स्मार्ट सिटी, एग्रीकल्चर, हायर एजुकेशन, हेल्थ केयर सेक्टर इत्यदि में किया जा सकता है !

5G टेक्नोलॉजी का उपयोग स्मार्ट सिटी के लिए – स्मार्ट सिटी सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) पर निर्भर हैं और आईसीटी के इस्तेमाल में 5जी तकनीक अहम भूमिका निभाती है। इसका उद्देश्य सार्वजनिक संसाधनों के प्रबंधन, रखरखाव और स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करके सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस रिसर्च में उन्होंने एक आर्किटेक्चर विकसित किया है जो कि स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट के लिए बखूबी उपयोग किया जा सकता है!  आर्किटेक्चर का उपयोग करते हुए सिटी में सेंट्रल डाटा मैनेजमेंट किया जा सकता है! आर्किटेक्चर के माध्यम से विभिन्न प्रकार की सर्विसेस को आपस में जोड़ कर डाटा ट्रांसफर, डाटा की मॉनिटरिंग, डाटा का मैनेजमेंट बेहतर तरीके से किया जा सकता है!

5G आर्किटेक्चर सॉफ्टवेयर-डिफाइंड प्लेटफॉर्म होंगे, जिसमें नेटवर्किंग फंक्शनलिटी को हार्डवेयर के बजाय सॉफ्टवेयर के जरिए मैनेज किया जायेगा। वर्चुअलाइजेशन, क्लाउड-आधारित तकनीकी के उपयोग से ऑटोमेशन में प्रगति मिलेगी! किसी भी समय, कहीं भी उपयोगकर्ता पहुंच प्रदान करने में सक्षम बनायेंगी। 5G नेटवर्क सॉफ्टवेयर-परिभाषित सबनेटवर्क निर्माण कर सकते हैं, जिन्हें नेटवर्क स्लाइस के रूप में उपयोग किया जा सकता है! ये स्लाइस नेटवर्क प्रशासकों को उपयोगकर्ताओं और उपकरणों के आधार पर नेटवर्क कार्यक्षमता को निर्धारित करने में सक्षम बनाती हैं। इस आर्किटेक्चर में किस प्रकार से सिक्योरिटी और प्राइवेसी को बढ़ाया जा सकता है उसके लिए भी तकनीक विकसित की गई है! छोटे सेल 5G नेटवर्क की एक प्रमुख विशेषता होगी विशेष रूप से नई मिलीमीटर तरंग (mmWave) आवृत्तियों पर जहां कनेक्शन सीमा बहुत कम है। एक सतत कनेक्शन प्रदान करने के लिए, छोटे सेल क्लस्टर में वितरित किए जाएंगे, जहां उपयोगकर्ताओं को कनेक्शन की आवश्यकता होगी वहां व्यापक क्षेत्र कवरेज प्रदान करगा।

5G टेक्नोलॉजी के माध्यम से स्मार्ट सिटी में ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम को इंप्रूव कर इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्टिंग सिस्टम में परिवर्तित किया जा सकता है! स्मार्ट सिटी 5G आर्किटेक्चर के माध्यम से पता लगाया जा सकता है कि अभी कितनी डिवाइसेज आपस में कनेक्टेड है और कितनी फ्री है! यह सभी एप्लीकेशन के जरिए आपस में कनेक्टेड होगा! आम जनता को कौनसा रूट सेलेक्ट करना है इसमें काफी मददगार साबित होगा! इस सिस्टम में सभी डिवाइस आपस में कनेक्टेड होगी और उसमें डाटा का अपडेट का पता जल्द लगेगा क्योंकि रिस्पांस रेट भी फास्ट होगा! इसकी मदद से यह पता लगाया जा सकता है कि किस एरिया में ट्रैफिक ज्यादा है, किस रूट पर ट्रैवल करना है! इससे न केवल आमजन को सुविधा प्राप्त होगी बल्कि गवर्नमेंट की इस आर्किटेक्चर का उपयोग करते हुए अपने संसाधनों को बेहतर तरीके से उपयोग कर सकती है!

5G टेक्नोलॉजी का उपयोग के माध्यम से हेल्थ केयर सेक्टर में कम विलंबता और उच्च क्षमता से रोगियों की देखभाल और दूरस्थ निगरानी में काफी मदद मिलेगी! क्योंकि हेल्थकेयर सेक्टर की सर्विसेज आपस में कनेक्टेड होगी जिसमें की डाटा का अपडेशन, डाटा का ट्रांसफर, डाटा का मैनेजमेंट एक सेंट्रलाइज मैनेजमेंट सिस्टम की मदद से मैनेज किया जा सकेगा!युवाओं को संदेश – रिसर्च के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं चाहे वह टेक्नोलॉजी को उपयोग के लिए हो या फिर उनसे जुड़ी हुई चुनौतियों को लेकर!  आपको कोई भी एक क्षेत्र में रुचि अपनाकर, उस क्षेत्र में कड़ी मेहनत व लगन से काम करें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी!

डॉ. कमल कांत हिरण, सहायक प्रोफेसर, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग, सर पदमपत सिंघानिया विश्वविद्यालय उदयपुर

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!