44वें चेस ओलिंपियाड में उदयपुर के राजेंद्र तेली निभाएंगे निर्णायक की भूमिका साहू सदस्य ,  बाबेल वोलिन्टर के रूप में चयनित

राजस्थान से 2 एवं सम्पूर्ण भारत से कुल 90 निर्णायकों की हुई नियुक्तियां, चेस ओलिंपियाड में मिली “मैच ऑर्बिटर” की महत्वपूर्ण भूमिका रूस, अमेरिका, चीन एवं भारत जैसे 189 देशों के कई दिग्गज खिलाड़ियों की रहेगी उपस्थिति, विश्वनाथन आनंद मेंटोर (मार्गदर्शक) के रूप में भारतीय टीम में

 उदयपुर राजस्थान के अनुभवी इंटरनेशनल ऑर्बिटर राजेंद्र तेली को उनके कार्यानुभव के आधार पर 44वीं शतरंज ओलंपियाड स्पर्धा के लिए “मैच ऑर्बिटर” नियुक्त किया गया है, जो 28 जुलाई से 10 अगस्त तक महाबलीपुरम (चेन्नई, तमिलनाडु) में आयोजित की जा रही है। एशिया में 30 वर्ष बाद तो वही भारत में पहली बार आयोजित होने वाले विश्व के इस सबसे बड़े शतरंज आयोजन में “मैच ऑर्बिटर” पद के लिए राजेंद्र तेली की नियुक्ति अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) की विशेष ट्रेनिंग के पश्चात् सीधे विश्व शतरंज महासंघ (FIDE) की ओर की गई है । तमिलनाडु के चेन्नई के पास स्थित पर्यटन के लिए प्रसिद्द महाबलीपुरम इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी कर रहा है जिसमें ओपन और महिला वर्ग में 189 देशों की रिकॉर्ड 343 टीमें भाग लेंगी । वही इंटरनेशनल ऑर्बिटर, शतरंज प्रशिक्षक, सचिव विकास साहू को प्रचार कार्यक्रम कमेटी (Promotional Events) के सदस्य नियुक्त किया गया है व शतरंज खिलाडी दिव्यांशु बाबेल वोलिन्टर के रूप में चयनित हुआ ।

                 चेस इन लेकसिटी के मुख्य संरक्षक तुषार मेहता ने बताया कि उदयपुर जिले में पिछले 35 वर्षों से शतरंज के क्षेत्र में सुचारु रूप से जुड़े राजेंद्र तेली वर्तमान में उपाधक्ष्य राजस्थान शतरंज संघ इंटरनेशनल रेटेड खिलाड़ी, नेशनल इंस्ट्रक्टर, शतरंज प्रशिक्षक एवं  इंटरनेशनल ऑर्बिटर के रूप में कार्यरत है ।

             अखिल भारतीय शतरंज महासंघ ने इस विश्व स्तरीय आयोजन के सन्दर्भ में 28 से 31 मई 2022 तक भारत के चुनिंदा 90 आर्बिटर्स के लिए महाबलीपुरम में तीन दिवसीय ऑर्बिटर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया था जिसमें राजेंद्र तेली भी आमंत्रित थे तत्पश्चात एक सप्ताह के उपरांत विश्व आर्बिटर्स आयोग ने 44वें शतरंज ओलंपियाड स्पर्धा के लिए आर्बिटर्स की सूची जारी की जिसमें  राजेंद्र तेली   का चयन भी किया गया । शतरंज के ऑर्बिटर (मध्यस्थ) की भूमिका को परिभाषित करना मुश्किल है क्योंकि इसमें विवाद की स्थिति में दोनों खिलाडियों या टीमों को संतुष्ट करना, यह तय करना कि कोई खेल ड्रॉ की स्थिति में है या नहीं, शतरंज की घड़ियों की जाँच करना, खिलाड़ीयों की स्कोरशीट चेक करना, चीटिंग और अन्य अपरिहार्य गतिविधियों को रोकने आदि का काम एक ऑर्बिटर की प्रमुख भूमिकाओं में से है और यह काम तब और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है जब दो अलग-अलग देशों के बिच कोई अंतराष्ट्रीय मैच खेला जा रहा हो । 

              राजेंद्र तेली की इस महत्वपूर्ण नियुक्ति पर अखिल भारतीय शतरंज महासंघ संघ, राजस्थान चेस संघ, चेस इन लेकसिटी के संरक्षक तुषार मेहता, अध्यक्ष राजीव भारद्वाज व अन्य सभी पदाधिकारियों व सदस्यों द्वारा व विभिन्न खेलों के उदयपुर जिला संगठनों के पदाधिकारियों ने भी शुभकामनायें दी । 

By Udaipurviews

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