32 व 10 उपवास करने वाले तपस्वियों की निकाली भव्य शोभायात्रा

– 108 रजत कलश से पाश्र्वनाथ भगवान का महाअभिषेक

– पर्युषण के अन्तिम दिन उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म मनाया

– 34 तपस्वीयों का सामूहिक पारणा आज

उदयपुर, 9 सितम्बर। पायड़ा स्थित पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में देवश्रमण आचार्य कुशाग्रनंदी महाराज, मुनि अजयदेव व भट्टारक देवेंद्र विजय, ब्रम्हचारिणी आराधना दीदी व अमृता दीदी संघ के सानिध्य में सकल दिगम्बर जैन समाज पायड़ा में  दशलक्षण पर्व के अंतिम दिन ब्रह्मचर्य धर्म मनाया गया। प्रचार संयोजक संजय गुडलिया, दीपक चिबोडिया ने बताया कि प्रात: 7 बजे नित्य नियम पूजा-अर्चना के साथ आचार्यश्री ने 34 उपवासकतार्आें को 108 रजत कलश से पाश्र्वनाथ भगवान का महाअभिषेक करवाया। उसके बाद आचार्यश्री के सानिध्य में सुबह 9 बजे कालकामाता रोड़ से सभी तपस्वीयों की भव्य शोभायात्रा निकाली गई।

शोभायात्रा में सबसे आगे घुडसवार हाथ में जैन ध्वज लिए श्रावक  चल रहे थे उसके बाद बैंण्ड अपनी स्वर लहरियां बिखरते हुए चल रहा था, उसके बाद 17 बग्गियों में 34 ही तपस्यिों को बैठाया गया। उसके बाद महिलाए सिर पर कलश लेकर नाचते-गाते चल रही। उसके बाद पुरूष श्वेत वस्त्र में हाथों में जैन ध्वज लिए पद्मप्रभु के जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। जगह-जगह शोभायात्रा का स्वागत किया गया एवं तपस्विायों की अनुमोदना की गई। शोभायात्रा कालकामाता रोड से प्रारम्भ हुई जो बेकनी पुलिया, विश्वविद्यालय मार्ग, गणेश घाटी होते हुए पायड़ा स्थित पद्मप्रभु मंदिर पहुंची जहां सभी तपस्वियों ने आचार्यश्री का आर्शीवाद लिया एवं पूजा -अर्चना की। आचार्य कुशाग्रनंदी महाराज ने सभी तपस्वियों को जल, दूध इक्षु रस, नारियल, रस, दही, सर्व ओशोधी चंदन, आदि मूलनायक भगवान पद्प्रभु एवं पाश्र्वनाथ भगवान का महाअभिषेक करवाया।  तपश्चात सभी तपस्वीयों की ओर से प्रभावना वितरित की।

प्रवक्ता प्रवीण सकरावत ने बताया कि आचार्य संघ के सानिध्य में दोपहर 2 बजे सभी तपस्यिों के दक्षलक्षण उपवास का उद्यापन किया। शाम को मंदिर से गाजे-बाजे के साथ गंगु कुण्ड पर कलश भर कर लाए एवं मूलनायक भगवान पर शांतिधारा की गई। इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज पायड़ा, आयड़ व केशवनगर के धर्म प्रेमी महिला-पुरूष आदि उपस्थित थे।

– सभी तपस्वीयों का सामूहिक पारणा आज

चातुर्मास समिति अध्यक्ष धनराज सकावत ने बताया कि आयड़ तीर्थ स्थित आत्मवल्लभ सभागार में प्रात: 10 बजे आचार्य श्री के सानिध्य में तपस्वीयों का पारणा कराया जाएगा।  इसके पश्चात समाजनों का भव्य स्वामीवात्सल्य होगा।

By Udaipurviews

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