उदयपुर: धर्म को छोड़कर केवल अर्थोपार्जन करना हमारे चिंतन की मिस्टेक है : आचार्य विजयराज
उदयपुर, 30 अक्टूबर। केशवनगर स्थित अरिहंत वाटिका में आत्मोदय वर्षावास में बुधवार को धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए हुक्मगच्छाधिपति आचार्य श्री विजयराज जी म.सा. ने फरमाया कि संसार में कोई भी जीव निष्क्रिय नहीं रहता। सक्रियत्व जीव के अनेक लक्षणों में से एक है। हमें चिंतन यह करना है कि हमारी क्रिया शुभ हो रही है या अशुभ हो रही है। अभी त्यौहारों के दिन है। आप धनतेरस, रूप चतुर्दशी, दीपावली से लेकर यम द्वितीया तक के त्यौहार लौकिक दृष्टि से मनाते हैं। संसारी सोचता है कि धन के बिना सब व्यर्थ है। इस अर्थ प्रधान युग में सभी अर्थोपार्जन…