रूप सागर तालाब संरक्षण के लिए मुख्य मंत्री से लगाई गुहार : सुप्रीम कोर्ट के आदेश का दिया हवाला

उदयपुर, 12 जुलाई। रूप सागर तालाब को अतिक्रमण से बचाने, इसमें मिल रहे गंदे नालों को रोकने तथा इसकी सीमाओं का सीमांकन करके संरक्षित करने के लिए आज दिव्य मानव परिवार उदयपुर, लोक अधिकार मंच, पर्यावरण प्रकोष्ठ के नेतृत्व में आज शहर के समाजसेवियों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ज्ञापन के माध्यम से गुहार लगाई। लोक अधिकार मंच के जिलाध्यक्ष एडवोकेट भरत कुमावत ने बताया के रूप सागर तालाब उदयपुर शहर के उत्तर दिशा में पडने वाला एकमात्र तालाब है जो कि आज भयंकर अतिक्रमणों एवं प्रशासनिक अनदेखी का शिकार हो रहा है। मूलतः 6 हेक्टेयर क्षेत्र में विस्तृत यह तालाब भू माफियाओं के शिकंजे में फंस कर आधे से भी कम रह गया है और लगातार लोग यहां 4-4,5-5 फिट गहराई में भराव भरकर तालाब को और छोटा कर रहे हैं। कुमावत ने बताया कि अब्दुल रहमान बनाम भारत सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला दिया है कि देश के तालाबों को उनकी मूल स्थिति में संरक्षित करना पर्यावरण एवं लोक सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है।

मंच के प्रभारी और रूपसागर संरक्षण समिति संयोजक पर्यावरणविद एवं पूर्व वन संरक्षक दलपत राज बातरा ने कहा कि रूप सागर तालाब एक अंतरराष्ट्रीय महत्व का स्थान है जहां पर 20 से भी अधिक प्रजाति के विदेशी पक्षी हजारों मील दूर से आकर प्रजनन करते हैं जिसे देखने के लिए कई देशी-विदेशी पक्षी विद यहां आते हैं इसलिए रूप सागर तालाब एक बहुत ही अच्छा पक्षी पर्यटन केंद्र बन सकता है इसलिए सरकार को इसके प्रति जागरुक होना चाहिए।

प्रतिनिधिमंडल में अखिल विश्व गायत्री परिवार के घनश्याम लाल पटवा, लोक अधिकार मंच के जिला अध्यक्ष एडवोकेट भरत कुमावत,महिला जिलाध्यक्ष बसंती देवी वैष्णव, विधिक प्रकोष्ठ प्रभारी एडवोकेट अशोक सोनी, पर्यावरण विभाग के प्रभारी दलपत राज बात्रा, समाजसेवी हेमलता हाड़ा,अन्नू सिकलीगर आदि मौजूद थे।

By Udaipurviews

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