नन्द के घर आनन्द भयो, जय कन्हैयालाल की के जयकारो से गुंजा पांडाल
सद्मार्ग से भटकने पर ज्ञान की होती हानि व जीवन का होता पतन- उत्तम स्वामी महाराज
बच्चों में संस्कार चाहते हो तो माबाईल से दूर रखें – उत्तम स्वामी महाराज
निम्बाहेड़ा। जब तक ईश्वर का तत्व अपने मे समाहित है, जब तक शरीर में प्राण है तब तक परमात्मा का चिंतन करते हुए महापुरुषों की भक्ति करना चाहिए। जीवन में पद, पैसा, प्रतिष्ठा मिलने के बाद अपने मन में जब व्याभिचार के विचार पैदा होने लगे तो मनुष्य को समझ जाना चाहिए कि अपने ऊपर से परमात्मा की कृपा समाप्ति की ओर है तथा अपना पतन तय है।
उक्त विचार निम्बाहेड़ा उपखण्ड के मंडावली ग्राम में आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद भागवत ज्ञान गंगा के चौथे दिन बांसवाड़ा के राजराजेश्वरी पदमावती शक्तिपीठ के संस्थापक एवं ध्यानयोगी महर्षि श्री श्री 1008 श्री उत्तम स्वामी जी महाराज ने कथा वाचन के दौरान व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अपने पतन के लिए एक क्षण ही बहुत होता है, ठीक इसके विपरीत ब्रह्म जीवन की पालना करते हुए परमात्मा की भक्ति में मन को लगाना कठिन होता है।
स्वामी जी ने व्यासपीठ से आज के युग में बच्चों को संस्कारित करने के लिए हो सके जहां तक मोबाइल से दूर रखते हुए श्रीराम, श्रीकृष्ण चरित्र सहित महापुरुषों की जीवनी के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दें।
श्रीमद भागवत कथा आयोजक भूरालाल शिवनारायण धाकड़ परिवार द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के चौथे दिन गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग पर जीवंत झांकी सजाई गई। जीवंत झांकी ने उपस्थित भक्तजनों का मनमोह लिया। श्री श्री उत्तम स्वामी महाराज ने श्री भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगो सहित भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव प्रसंग की व्याख्या करते हुए कहा कि जब जब धरती पर अनाचार, पापाचार बडे है, तब तब धर्म व भक्तो की रक्षा के लिए भगवान ने जन्म लिया व आसुरी शक्तियों का संहार किया व धरती को पापो से मुक्त किया। इसी प्रसंग के दौरान जैसे ही कथा पांडाल में जीवंत झांकी के रूप में वासुदेव की वेशभूषा में सिर पर धरी टोकरी में भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्वरूप की जीवंत झांकी लेकर कथा पांडाल पहुंचे तो पांडाल आलकी की पालकी जय कन्हैयालाल की, नन्द के घर आनन्द भयो जय कन्हैयालाल की व भगवान श्रीकृष्ण के जयकारो से गुंज उठा। भगवान श्रीकृष्ण के जन्म स्वरूप को छूने तथा पुष्प वर्षा कर दर्शन के लिए भक्तो में होड मच गई।
मंच पर कथा वाचक स्वामी जी ने भगवान के बाल स्वरूप का लाड प्यार करते हुए भक्तो को बधाईयां दी व मंच से भक्तों पर प्रसाद न्यौछावर किया।
इससे पूर्व स्वामी जी महाराज ने श्रीमद् भागवत कथा के विभिन्न प्रसंगो की भावपूर्ण व्याख्या करते हुए कहा कि लालसा के बिना परमात्मा से साक्षात्कार होना सम्भव नही। स्वभाव नम्र होना चाहिए, क्रोध जीवन के लिए हानिकारक है। शुद्ध आहर शुद्ध भोजन से मन शांत रहता है व जीवन को क्रोध से भी बचाता है। जब मन शांत रहता है तो ही हरि भजन से परमात्मा प्रसन्न रहते है। सत्संग हो या भजन कीर्तन हो वहां क्रोध शांत रहता है।
कथा आरम्भ होने से पूर्व आयोजनकर्ता भूरालाल शिवनारायण धाकड़ परिवार द्वारा श्रीमद् भावगत ग्रंथ की पूजा अर्चना के साथ व्यासपीठ पर वीराजीत श्री श्री 1008 श्री उत्तम स्वामी जी महाराज का स्वागत किया गया। कार्यक्रम का संचालन पश्चिम मण्डल अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह शक्तावत ने किया।
इस अवसर पर भाजयुमो प्रदेश अध्यक्ष हिमांशु शर्मा, पूर्व विधायक अशोक नवलखा, पूर्व नगर पालिका उपाध्यक्ष पारस पारख, शक्ति सिंह भीलवाड़ा, नगर मण्डल अध्यक्ष नितिन चतुर्वेदी, पूर्वी मण्डल अध्यक्ष अशोक जाट, भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष गब्बर सिंह अहीर, एससी मोर्चा प्रदेश मंत्री अमर सिंह रावत, निम्बाहेड़ा पंस उपप्रधान जगदीश आंजना, कालूराम आंजना, जीवन आंजना, गोपाल आंजना, कालू सिंह शक्तावत, भाजयुमो प्रतापगढ़ जिलाध्यक्ष जसपाल गुर्जर, चित्तौडग़ढ़ भाजयुमो जिला अध्यक्ष सुरेश गाडरी, उपाध्यक्ष अर्जुनसिंह राठौड़, महेंद्र जाखड़, रवि मेनारिया, भाजयुमो नगर अध्यक्ष कपिल चौधरी, सुरेश मेनारिया खोड़ीप, कमलेश मेनारिया, मोहित रेगर, पुष्कर धाकड़, पारस आंजना, विशाल सोनी, शंभूलाल जाट, पूर्व सरपंच डलां गोपाल धाकड़, मुन्नालाल धाकड़, बद्रीदान चारण, पूर्वी मण्डल महामंत्री एवं बांगरेड़ा मामादेव सरपंच राजेश धाकड़, एसएसी मोर्चा मण्डल अध्यक्ष अम्बालाल मीणा, विस्तारक अभिराज पाण्डे, गोपाल कुमावत, सागर सोनी, भाजयुमो पश्चिमी मण्डल के नवल किशोर गुवार, नरेंद्र प्रजापत, लोकेश जाट, रामप्रसाद धाकड़, ओंकारलाल धाकड़, देवकरण चारण, किशनलाल धाकड़ सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु स्त्री, पुरूष एवं युवा भक्तजनों मौजूद रह कर कथा का अमृतपान किया। चौथे दिन की कथा के समापन पर महाआरती के पश्चात श्रद्धालुओं को पंजेरी और लड्डू का प्रसाद वितरण किया गया।