हरियाणा का कण कण बोला-जय अग्रसेन जय अग्रोहा जय अग्रवाल

अग्र साम्राज्य अग्रोहाधाम में लक्खी मेला शुरू, लाखों टेकेंगे मत्था
बाहुबली-छत्रपति अग्रसेन का सजा दरबार-श्रद्धालुओं की लगी कतार
देश-विदेश से शामिल होंगे- उद्योगपति, विधायक मंत्री-अग्र विभूतियां
उदयपुर, 7 अक्टूबर। हरियाणा के हिसार स्थित छत्रपति महाराजा अग्रसेन भगवान के अग्र साम्राज्य की राजधानी अग्रोहा धाम के पुर्नराधार के 39वें वार्षिक लक्खी मेले का चरमोत्कर्ष आश्विन की शरद पूर्णिमा रविवार 9 अक्टूबर 2022 को प्रातः 6 बजे शक्ति सरोवर में स्नान के साथ प्रारम्भ होगा। किंवदती है कि अग्र शक्ति सरोवर में डुबकी लगाने से स्नान करने से एक और सभी आदी-व्यादी, रोग-दोश बीमारियों आदि का नाश होता है वहीं पित्तरों की पूर्वजों की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है। द्वापर युग के इस चमत्कारी दैवीय वरदान से निर्मित अग्र सरोवर की बदौलत ही महाराजा अग्रसेन ने देवराज इन्द्र के प्रकोप से अपनी प्रजा की प्राण रक्षा करने पाताल तोड़ जल व्यवस्था की थी। स्नान पष्चात प्रातः 7 बजे से भगवान-अग्रसेन महारानी माधवी-कुलदेवी मां आद्यलक्ष्मी शक्तिपीठ एवं अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना- हवन-यज्ञ-महाआरती की रस्म अदा की जायेगी। मां आद्यलक्ष्मी के वरदान स्वरूप यहां पूजन करने से स्थायी लक्ष्मी प्राप्ति-व्यापार- व्यवस्था-उद्योग में उन्नति सफलता-खुषहाली धन-धान्य-वैभव प्राप्ति होती है। यहां पूजन से श्रृद्धालुओं की मनोकामनाएं पूर्ण होने की खुषी एवं मन्नत स्वरूप अमूमन प्रतिदिन भक्तों एवं मनोरथियों द्वारा 56 भोग का आयोजन किया जाता है। प्रातः 8.30 बजे सैंकड़ों महिलाएं अग्र साम्राज्य की प्रचलित वेषभुषा चुनड़ी-वेष धारण कर स्वर्णाभूषणों से सज्जित श्रृंगरित हो अपने सिर पर आकर्षक कलश  नारीयल धारण कर कलश  यात्रा में शामिल होगी। जो प्रातः 10 बजे महालक्ष्मी जी के मन्दिर पहुंचेगी। जहां कुलदेवी मां आद्यलक्ष्मी को प्रातः 10 बजे नाना प्रकार के व्यंजन मिष्ठान सुखों मेवो-नमकीन आदि का 56 भोग महाप्रसाद पदराया जायेगा।
प्रातः 11 बजे अग्रोहा विकास ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी नन्दकिशोर गोयनका, जीटीवी के सुभाष चन्द्रा,
ट्रस्ट अध्यक्ष बजरंगदास गर्ग, महामंत्री चुड़ियाराम गोयल, पवन गर्ग, संदीप गोयल, मुख्य अतिथियों केबिनेट मंत्री उत्तरप्रदेष नन्दन गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, उत्तराखंड के मंत्री प्रेमचन्द्र अग्रवाल, पंजाब के मंत्री डॉ. विजय सिंघला, राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल, नितिन अग्रवाल, विशीष्ट अतिथियों-उत्तर प्रदेश , हरियाण-दिल्ली, पंजाब राज्य के विधायकों-सांसदों, गणमान्य अग्रबन्घुओं द्वारा ध्वजारोहण अग्रगान- अग्रस्तुति आदि सभी प्रचलित नेक चार कर मेले का विधिवत् आगाज़ किया जायेगा। प्रातः 11.30 बजे से भव्य अग्रस्नेह मिलन-अग्रस्वामी वात्सल्य महाभोज का महाप्रसादी का आयोजन होगा। जिसका लुत्फ महा आनन्द सभी तीर्थ यात्री-अग्रजन प्राप्त करेंगे।
अग्रोहा विकास ट्रस्ट के आजीवन सदस्य-प्रथम अग्रोहा रथयात्रा के उदयपुर संभागीय संयोजक नारायण अग्रवाल के अनुसार इस मेले के मुख्य आकर्षण वैसे तो सभी नेकचार होंगे पर सर्वाधिक आकर्षण का केन्द्र दोपहर 2 बजे से प्रारम्भ अग्र महासम्मेलन होगा। जिसमें देश – विदेश के ख्यातनाम-अग्र गौरव- अग्र रत्न-अग्र भामाशाह समाज के चाणक्य राजनीतिज्ञ-कई राज्यों के मंत्रीगण-केन्द्रीय मंत्रीगण-अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन की केन्द्रीय कार्यकारिणी-राष्ट्रीय अध्यक्ष-अनेक प्रान्तों के अध्यक्ष कार्यकारिणी सदस्य-अग्रोहा के विकास-कल्याण एवं पुनरोद्धार की पुरोधा संस्था अग्राहो विकास ट्रस्ट की राष्ट्रीय कार्यकारिणी-अध्यक्ष एवं प्रादेशिक  कमेटियों के प्रमुख-अनेक ख्यातनाम उद्योगपति शामिल होंगे। एक और ये समाजहित-राष्ट्रहीत-सर्वजन हीताय-सर्वजन सुखाय, अग्रसेन-अग्रोहा-अग्रवाल, विकास एवं कल्याण के लिये अनेक महत्वपूर्ण फैसले एवं दूरगामी उपाय-विचार-मंथन कर निर्णय लेंगे वहीं दूसरी और अग्रोहा साम्राज्य के पुनरोद्धार के साथ-साथ हिन्दु राष्ट्र के सुदृढ़ विकास के भी सूत्रधार बनेंगे। अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अग्रवाल गोपाल शरण गर्ग की देखरेख एवं अगुवाई में पूरे देश  में 18 भिन्न-भिन्न रथयात्राओं के सफल आयोजन के बाद पांच सौ करोड़ की लागत से अग्रोहा गणराज्य के अग्रोहा शक्तिपीठ में उसी स्थान पर कुलदेवी मां आद्या महालक्ष्मी का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है जहां तीन-तीन बार आद्य महालक्ष्मी ने भगवान अग्रसेन को साक्षात् पृथक हो वरदान दिया था। उनके वरदान स्वरूप आज 5100 वर्ष उपरान्त भी उनके कुल वषंज लक्ष्मी पुत्रों के रूप में देश -विदेश  में सेवा के अनेक प्रकल्प चला पूजित हो रहे है। यह मंदिर अपने बाफ में अनूठा-अद्भूत-अलौकिक-अविष्वमरणीय तो होगा ही दुनिया के सबसे आधुनिक परिवेष एवं कल्पना से परे अकल्पनीय होगा। राष्ट्र के सर्वश्रेष्ठ शिल्पकारों एवं विष्वकर्मा अनुयात्रियों द्वारा इसकी संरचना की जा रही है। अभी हाल ही के वर्षो में जीटीवी के सुभाष चन्द्रा एवं उनके पिताश्री नन्द किशोर गोयनका के अथक प्रयासों-उनके द्वारा देश  भर में आयोजित अनेक अग्रोहा रथ यात्राओं की बदौलत पूर्ण रूपेण बर्बाद एवं भस्म हो चुके अग्रोहा के टीलों के बीच पुनः एक नया अग्रोहा धाम बस चुका है। जहां दुनिया भर के षिक्षा-चिकित्सा-मनोरंजन-आध्यात्मिक केन्द्र धर्मशालायें मन्दिर-धर्म स्थलों का निर्माण हो चुका है। वहीं अभी हाल ही में निकली मां आद्यलक्ष्मी रथयात्राओं ने अग्र समाज ही नहीं वरण सम्पूर्ण देशवासियों में अग्रोहा को देखने जानने की कोलाहल-उत्सुकता-जिज्ञासा पैदा की है जिसके परिणाम स्वरूप अग्रोहा ने आने वाले यात्रियों एवं श्रद्धालु भक्तों की संख्या में कई गुणा वृद्धि हो गई है। कुछ ही वर्षो में अग्रोहा की पहचान दुनिया भर के लोगों में एक आदर्ष-सर्वश्रेष्ठ तीर्थ स्थल के रूप में बनेगी।
नारायण अग्रवाल ने बताया कि पूरा हिसार अग्रोहा धाम अभी से केसरिया रंग में रंगा दिखाई देने लगा है। श्रद्धालु भारी तादाद में अग्रसेन दादा के दरबार में हाजरी लगाने पहुंच रहे है। चारों और अग्र पत्ताका निशाल फहरा रहे हैं। मन्दिर के बाहर अभी से दर्षनार्थियों की लम्बी कतारे लग रही है। सभी धर्मशालाओं भवनो-विश्राम ग्रहों में भक्तों के लिये सारी सुविधाएं उपलबध कराने हेतु इन संस्थाओं के ट्रस्टीगण जुटे हुये है। उदयपुर एवं मेवाड़ संभाग से भी सैंकड़ों अग्रबन्धुओं के वहां पहुंचने की संभावनायें है।
अग्रोहा धाम में अनेक अत्याधुनिक मनोरंजक झुले, अप्पू घर, अनेक दुकाने-स्टाले लगायी गयी है। इस अवसर पर महालक्ष्मी देवी जी, दादा अग्रसेन, सरस्वती माता, वैष्णोदेवी माता, अमरनाथ जी की बर्फानी गुफा, तिरूपति बालाजी, भेरो बाबा, रामेश्वर  धाम, गंगा अवर्तन व 90 फुट ऊंची बाबा-हनुमान जी की प्रतिमा श्री कृष्ण भगवान, श्री रामचन्द्र जी की संचालित झांकियों के दर्शन लाभ-पूजा लाभ लेने के साथ अग्रोहा के थेहों (खण्डहर) को निहारने का स्मृति में समा लेने का अवसर भी प्रदान होगा।

By Udaipurviews

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