साहित्यिक समागम में जुटेंगे ख्यातनाम रचनाकार दो दिवसीय ‘संगमन’ का आगाज़ शनिवार को

चित्तौड़गढ़  11 नवम्बर। वर्तमान परिदृश्य में साहित्यिक विचार-विमर्श के लिए एक मंच पर शनिवार को देशभर के प्रसिद्द रचनाकार जुटेंगे। साहित्यिक आयोजन संगमन के तहत आयोज्य इस कार्यक्रम में 12 और 13 नवम्बर को शहर के होटल अमृत मंथन में पच्चीस से अधिक साहित्यकार चित्तौड़गढ़ आ रहे हैं। उदघाटन सत्र शनिवार दोपहर दो बजे शुरू होगा। आपसी संवाद के इस मौके पर वक्ताओं से बातचीत के लिए श्रोताओं को भी अवसर मिलेगा। रविवार को सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक दो सत्र आयोजित होंगे।

 कथाकार प्रियंवद के अनुसार संगमन के चौबीसवें आयोजन में इस बार एतिहासिक शहर चित्तौड़ का चयन किया गया है। पूर्व में इस तरह के देश के अलग-अलग हिस्सों अब तक तेईस आयोजन हो चुके हैं जिससे संगमन एक बड़ा साहित्यिक विचार-विमर्श का मंच बनकर उभरा है। दो दिनों तक चलने वाले संगमन में हिंदी साहित्य, राजस्थानी भाषा, चित्रकला, मीडिया, रंगमंच, सिनेमा के विविध पहलुओं पर विस्तार से जानने-समझने का मौक़ा शहर वासियों के लिए उपलब्ध रहेगा। एक ही मंच पर विविधता के साथ इस प्रकार का यह अनूठा आयोजन होगा। स्थानीय संयोजक डॉ. कनक जैन के अनुसार नितांत अनौपचारिक ढंग से होने वाले इस कार्यक्रम में प्रसिद्द सम्पादक ओम थानवी, कवि अंबिकादत्त, अनंत भटनागर, सदाशिव श्रोत्रिय, विनोद पदरज शामिल हैं। आलोचकों में जीवन सिंह, नंद किशोर आचार्य, हेतु भारद्वाज, राजाराम भादू, हिमांशु पंड्या आ रहे हैं। राजस्थानी के लेखकों में चंद्र प्रकाश देवल, मालचंद तिवाड़ी तो कथाकारों में चरण सिंह पथिक, तराना परवीन, तसनीम ख़ान आएंगी। आने वालों में वरिष्ठ रंगकर्मी भानु भारती, चित्रकार हेमंत द्विवेदी, युवा आलोचक रेणु व्यास, साहित्यकार सत्यनारायण व्यास, आदिवासी विमर्श के हस्ताक्षर हरिराम मीणा  भी विभिन्न सत्रों में अपनी बात रखेंगे। आयोजन संभागी के रूप में संगमन से जुड़े कथाकार अमरीक सिंह दीप, कवि अविनाश मिश्र, दिनकर कुमार और पंकज दीक्षित आएँगे।

कार्यक्रम संयोजक विष्णु कुमार शर्मा ने बताया कि आयोजन में पंकज दीक्षित द्वारा कविता पोस्टर की एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। कार्यक्रम के संयोजन से जुड़े डॉ. माणिक के अनुसार सम्मलेन का विषय सृजनात्मकता के क्षितिज रखा गया है जिसमें रचनाकार अपनी रचना प्रक्रिया पर अनुभव साझा करेंगे। आयोजन में श्रोताओं के रूप में राज्यभर से कई लोग जुड़ रहे हैं। आयोजन में शहर के शोधार्थी, साहित्य के विद्यार्थी, बुद्धिजीवी और शिक्षक साथी के लिए भागीदारी के लिहाज से खुला मंच रहेगा।

By Udaipurviews

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