विशेष पूजा, सहस्त्रधारा रूद्राभिषेक, महाआरती व शिव प्रसादी सहित विविध आयोजन होंगे
उदयपुर। सार्वजनिक प्रन्यास मंदिर श्री महाकालेश्वर रानी रोड़ पर प्रन्यास अध्यक्ष तेजसिंह सरूपरिया की अध्यक्षता में 24वीं शिलास्थापना दिवस की एक बैठक रखी गई।
प्रन्यास सचिव चन्द्रशेखर दाधीच ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 24वें शिलास्थापना दिवस का कार्यक्रम सोमवार 15 अगस्त 2022 को महाकालेश्वर परिसर में आयोजित किया जाएगा। दाधीच ने बताया कि समारोह में मंदिर निर्माण में सहयोग करने वाले मंदिर निर्माण सहयेाग मण्डल के सभी सदस्य एवं अन्य शिव भक्तगण सपरिवार इस महोत्सव में सम्मिलित होंगे।
श्री महाकालेश्वर मन्दिर में भगवान शिव का स्वयंभू लिंग है, मन्दिर शिव तपस्वियों की तपोभूमि रहा है, तथा यहां तपस्यवियों ने तपस्या कर तपोभूमि को सिद्ध किया है, मन्दिर में भगवान शिव के दर्शन से सुखसमृद्धि, धनधान्य, निरोग, प्रसन्नता तथा मनवांछित फल की प्राप्ति होकर मनोकामना पुरी होती है।
15 अगस्त को प्रातः भगवान शिव की विशेष पूजा- दैनिक जल एवं पूजा-अर्चना के व्रतधारी शिवभक्त प्रातः 10 बजे के पूर्व तक ही मन्दिर में अपना पूजन कर्म कर सकेंगे। प्रातः 10.30 के बाद मन्दिर के गृर्भगृह में प्रवेश निषेध रहेगा। भगवान साम्ब सदाशिव महाकालेश्वर को विशेष श्रृंगार धराया जायेगा तथा वैध पाठी पण्डितों के सहस्वर रूद्री पाठ के साथ ही सहस्त्रधारा जलाभिषेक होगा। सहस्त्र धारा अभिषेक के बाद अभिजीत मुहूर्त में भगवान की भव्य आरती होगी।
मन्दिर निर्माण में मासिक सहयोग व अंश दान करने वाले सदस्यों व उनके परिजनों के लिए मन्दिर प्रन्यास द्वारा सायं 4.30 बजे से महाशिव प्रसादी आयोजित होगी। रूद्र सेना के कार्यकर्ता के साथ ही भक्तजन् सभी प्रकार की व्यवस्थाओं में सहयोग करेंगंे। मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी, कार्यकारिणी, रूद्र वाहिनी, रूद्रसेना के सदस्यगण भी व्यवस्थाओ में अपना सहयेाग करेंगे।
प्रवक्ता विनोद शर्मा, महिपाल शर्मा ने बताया कि आजादी अमृत महोत्सव की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 15 अगस्त 2022 को श्री महाकालेश्वर मंदिर में अभिजित मुर्हूत में झण्डारोहण का कार्यक्रम होगा जिसमें बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहेंगे।
सायं 6.30 से मन्दिर के उत्तर की ओर स्थित प्राचीन गंगा घाट पर पारम्परिक रूप से गंगा घाट पर महाआरती का आयोजन किया जाएगा। सायंकाल प्रभु महाकालेश्वर के विग्रह के समक्ष ओम्कार स्वरूप अष्ट दिक्षाओं में 108 दीपक प्रज्जवलित किये जायेंगे, मंदिर में दर्शनार्थियों के लिए महिला एवं पुरूष की पृथक-पृथक व्यवस्था रहेगीं।
यह रहेगी पार्किंग व्यवस्था: शिला स्थापना दिवस पर आयोजित महोत्सव व शिव प्रसादी हेतु मंदिर के मुख्य द्वार में वाहनों का प्रवेश वर्जित रहेगा व पार्किंग की व्यवस्था रानी रोड़ बाहर रहेगी।
भोजन व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि इस शिव प्रसादी में विगत 2 वर्षों से कोरोना काल की वजह से हो नहीं पाई। इस बार शिव प्रसाद लगभग 150 कारोगरों द्वारा तैयार कराया जा रहा है जिसमें 500 किलो बेसनकाम में लिया गया है। दो दिन पूर्व शिव प्रसाद के लिए भट्टी पूजन भी किया गया।
आज की बैठक में श्रावण महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुनील भट्ट, संयोजक रमाकांत अजारिया, सुन्दरलाल माण्डावत, विनोद कुमार शर्मा, महिपाल शर्मा, महिम दशोरा, केजी पालीवाल, द्रुपद ंिसह चैहान, अनिल चैधरी, ओम नन्दवाना, प्रदीप आमेटा, चन्द्रवीर सिंह राठौर, शेषमल सोनी, यतेन्द्र दाधीच, गोपाल लोहार, पुरूषोत्तम जीनगर, कमल चैहान, लोकेश मेहता, शंभुलाल गुप्ता, अनिल वानखेडे, मनीष श्रीमाली, रमेश सोनी, ओम सोनी, दिनेश मेहता आदि उपस्थित थे।
रूद्रवाहिणी में महोत्सव समिति की संयोजिका श्रीमती दीक्षा भार्गव के नेतृत्व में अलका जोशी, प्रेमलता लोहार, आरती जोशी, कल्पना पालीवाल, ममता शर्मा, भाग्यश्री दाधीच आदि अपनी सेवाएं देंगे।
विशेष अपील: प्रन्यास के तेजशंकर पालीवाल ने बताया कि महाप्रसादी ग्रहण करते समय इस बात का विशेष ध्यान रखें की भोजन की थाना में उतना की अन्न ले जितना आप खा सकें क्योंकि आपके द्वारा झूठन के रूप में थाली में छोडे गये भोजन और कितने लोग खा सकते है। ‘इतना ही लो थाली में झूठा न जाए नाली’ में जैसे स्लोगन भी लगाने की व्यवस्था की है। महाप्रसादी के दौरान एक समिति का गठन किया गया जो इस बात पर विशेष ध्यान रखेंगे की कोई थाली में महाप्रसादी अन्न को झूठा ना छोडे़।