वरिष्ठ नागरिकों के लिये 16 सूत्रीय मांगों का रिजोल्यूशन पास होने के साथ ही अखिल भारतीय नागरिक परिसंघ का दो दिवसीय सम्मेलन सम्पन्न

कोरोनाकाल में वरिष्ठ नागरिकों के लिये समाप्त हुए रेलवे कन्सेशन को पुनः लागू किया जायेंःसेठ
उदयपुर। महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान, उदयपुर द्वारा अखिल भारतीय नागरिक परिसंघ का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज सरकार से वरिष्ठ नागरिकों के हितों की मंागो का लेकर सम्मलेन में पास किये गये रिजोल्यूशन के साथ ही एमएलएसयू विश्वविद्यालय के विवेकानन्द सभागार में सम्पन्न हुआ।
महाराणा प्रताप वरिष्ठ नागरिक संस्थान के मानद सचिव भंवर सेठ ने कहा कि इस 22 वे राष्ट्रीय अधिवेशन के आज दूसरे दिन 6 सत्र आयोजित किए गए। अध्यक्ष वी के भदाने,उपाध्यक्ष भंवर सेठ ,मदन खटोड़, डी एन चापके, टी पी आर उन्नी,एम के रैना,डा सुलभा देवीदास,पी विश्वनाथम,नंदलाल अग्रवाल,दामोदर मुदाफरे,के सानिध्य में कार्यक्रमों मे विभिन्न वक्ताओं ने वरिष्ठ नागरिकों से संबंधित विषयों पर अपने विचार रखंे।
अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ के 22 वे राष्ट्रीय अधिवेशन के आज दूसरे दिन सर्वसम्मति से 16 सूत्रीय एक मांग पत्र तैयार किया गया जिसे उपस्थित 1500 ही सदस्यों ने ताली बजाकर ओर दोनों हाथ खड़े कर समर्थन किया। सेठ ने बताया कि मांग पत्र में सर्वप्रथम वरिष्ठ नागरिकों के लिये कोरोना काल में सरकार द्वारा बंद किये गये रेलवे कंसेशन को पुनः लागू किया जावें,वरिष्ठ नागरिकों के लिए अलग से राष्ट्रीय आयोग ओर राज्य आयोग की स्थापना की जावें,शिक्षा जगत में पाठ्यक्रमो में अन्तर पिढीगत जुड़ाव और बुजुर्गों की देखभाल के लिए पाठ्यक्रम में बुजुर्गों की देखभाल को जोड़ा जाए,कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से माता पिता की देखभाल करना अनिवार्य किया जावें,प्रत्येक जिला स्तर पर माता पिता ओर वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण ओर कल्याण अधिनियम 2007 के प्रावधानों में संशोधन करने की आवश्यकता है,वरिष्ठ नागरिकों के अधिकारों के लिए यू एन एच आर में सामुहिक याचिका पर हस्ताक्षर करने चाहिए,बुजुर्ग देखभाल सेवाओं पर 18 प्रतिशत जी एस टी समाप्त या कम की जावे,बैंकों ओर पोस्ट ऑफिस में वरिष्ठ नागरिकों की जमाओ पर कम से कम 2 प्रतिशत अधिक ब्याज प्रदान किया जावे,सेवानिवृत्ति की आयु में बढ़ोतरी की जावे,वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि की जावे जो कि कम से कम दस हजार रुपए की जावे अथवा जहां पर यह सुविधा बिल्कुल नहीं हे वहां शुरू की जावे,रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के साथ भागीदारी सुनिश्चित की जावे,सभी वरिष्ठ नागरिकों को एक सरकारी कार्ड जारी किया जावंे,अखिल भारतीय वरिष्ठ नागरिक महासंघ को राष्ट्रीय संघ के रूप में मान्यता प्रदान की जावें,आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बिना योजना में बहुत सारे परिवर्तन करने की आवश्यकता हे,इसी प्रकार कंपनी अधिनियम की धारा 135 की अनुसूची सात में एल्डरकेयर को शामिल किया जायें।
सम्मेलन के प्रथम सत्र में वर्तमान समय में वरिष्ठ महिलाओं सुषमा सिंघवी ने कहा कि हम वरिष्ठ है वरिष्ठ बनकर ही रहे। निज ज्ञान कौशल कला क्षमता को बात कर सक्रिय रहे।सेवा करने में आंतरिक सुख का अनुभव होता हे। डॉ.गायत्री तिवाडी ने कहा कि पुरुष प्रधान समाज है। महिलाएं अपने बारंे में सोचंे। आर्ट एवं कल्चर कमेटी की चेयरपर्सन ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम की मध्यस्थता डा सुलभा कंवर ने की एवं संचालन यमला साहू ने किया।दूसरे सत्र में वरिष्ठ नागरिकों को विधिक एवं न्यायिक अधिकारों पर डा कल्पेश के निकावत के संचालन में एम के रैना,पी रामचंद्रेया, एस हनीफा रावथर,भगवंत कौर ने अपने विचार रखे।मुख्य वक्ता के रूप में जिला न्यायाधीश वाणिज्यिक न्यायालय महेंद्र कुमार दवे ने कहा कि मेंटेनेंस की परिभाषा में सुरक्षा का अधिकार जोड़ना आवश्यक हे।उन्होंने भरण पोषण की जानकारी प्रदान की उन्होंने माता पिता ओर वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण ओर कल्याण अधिनियम 2007 की धारा 22 में धारा 22 ए जोड़ी जानी चाहिए।जिसमें सुरक्षा शब्द जोड़ने का प्रावधान है। खुले सत्र में अध्यक्ष वी के भदाने,नारायण मूर्ति,अन्ना साहिब टेकाले,संग्राम श्रीधर,के सानिध्य में करनैल सिंह,विजय देशमुख दंबडगांवकर,डा मिलिंद जी सरदार,डा प्रदीप कुमार सिन्हा,मालती जायसवाल,महेंद्र कुमार गुप्ता,के के बिडला,सुरेश गवास, जी पी शेख,अशोक तेरकर,डा इंदु सुभाष आदि ने अपने विचार रखंे। अधिवेशन में श्रेष्ठ कार्यकर्ताओं,संगठनों,स्मारिका प्रकाशन आदि के लिए सम्मान प्रदान किया गया।
इन्दु सुभाष ने कहा कि देश में 59 प्रतिशत बुजुर्ग आत्महत्या कर रहे है जो सभी के लिये चिन्ताजनक बात है। बुजुर्गो की स्थिति देश में बहुत खराब है।

By Udaipurviews

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