ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर किया जा रहा है जागरूकता कार्यक्रम
उदयपुर 9 सितंबर। गोवंश में फैल रहे लंपी रोग के संक्रमण को रोकने के लिए जिला कलक्टर तारांचद मीणा के निर्देशन में पशुपालन विभाग द्वारा निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों में जनजागरण का कार्य किया जा रहा है और ग्रामीणों को इस रोक से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान कर पशुओं को रोगमुक्त रखने के लिए सार्थक चर्चा एवं संवाद नियमित रूप से किए जा रहे हैं।
इसी क्रम में विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. भूपेन्द्र भारद्वाज ने शुक्रवार को सराड़ा क्षेत्र के विभिन्न गांवों मे जाकर रोग की रोकथाम के लिए किये जाने वाले कार्यों का अवलोकन किया। उन्होंने इस क्षेत्र मे कार्यरत अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस रोग से निदान के लिए प्रभावी प्रयास करने, टीकाकरण कार्यक्रम को प्रभावी बनाने, उपलब्ध संसाधनों को समुचित उपयोग करने, आयुर्वेद व होम्योपैथी इलाज के बारे में ग्रामीणों को जागरूक करने, स्वस्थ्य पशुाओं को संक्रतिम पशुओं से दूर रखने, स्थानीय लोगों का सहयोग लेने, ग्रामीणों में फैल रही भ्रांतियों को दूर करते हुए उन्हें जागरूक करने के निर्देश दिए।
उन्होंने पशुपालकों से संवाद करते हुए कहा कि बाड़ों की साफ-सफाई एवं अपने पूरे क्षेत्र को मच्छर, मक्ख्यिोें एवं चिंचड़ो से मुक्त रखने के प्रयास करें। इस रोग की रोकथाम के लिए विभिन्न संस्थाओं द्वारा बनाये गये औषधिय लड्डुओं का भी तेजी से वितरण कर पशुओं को खिलाया जा रहा है जिससे उनकी रोगप्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि होगी।
दूध को उबालकर काम में ले
विभाग के उपनिदेशक ने बताया कि इस रोग से ग्रस्त पशु के दुग्ध को उबालकर काम मे लिया जा सकता हैं। इस प्रकार के दुग्ध को काम मे लेने से मनुष्य को किसी भी प्रकार की हानि नहीं है। आमजन को इस बात की जानकारी दें कि यह रोग पशुओ से मनुष्यों मे नही फैलता हैं। उन्हांेंने बताया कि मच्छर, मक्खियो और चिंचड़ो को नियंत्रित करने से इस रोग को फैलने से आसानी से रोका जा सकता है। असंक्रमित क्षेत्रों मे इस रोग से बचाव का टीका लगाकर स्वस्थ पशुओं को संक्रमण से बचाया जा सकता है।
लंपी स्कीन रोग: मुस्तैदी से जुटा हुआ है पशुपालन विभाग
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