राजस्थान साहित्य आकादमी अध्यक्ष दुलाराम सहारण पहुंचे सूचना केंद्र

सूचना केन्द्र बनेगा साहित्यिक आयोजनों का प्रमुख केन्द्र-सहारण
उदयपुर, 25 अगस्त। राजस्थान साहित्य अकादमी के नवनियुक्त अध्यक्ष दुलाराम सहारण गुरुवार को सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय (सूचना केंद्र) पहुंचे। इस मौके पर उप निदेशक डॉ. कमलेश शर्मा और सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी प्रवेश परदेशी ने उनका स्वागत किया। सहारण ने इस दौरान सूचना केंद्र के ऑपन थियेटर, वाचनालय, लाइब्रेरी, प्रदर्शनी हॉल, सभागार, आरकाइव आदि प्रभाग देखे एवं यहाँ विद्यार्थियों को मिल रही व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं को सराहा। उन्होंने साहित्यिक उत्थान के सम्बन्ध में भी चर्चा की एवं निरंतर संवाद को महत्वपूर्ण बताया।  
सूचना केन्द्र का करेंगे पूरा उपयोग:
अकादमी अध्यक्ष ने सूचना केन्द्र वाचनालय में विद्यार्थियों की बड़ी संख्या के साथ आर्ट गैलरी और सभागार को देखकर प्रसन्नता जताई और अकादमी के माध्यम से इसका पूरा-पूरा उपयोग करने की अपनी मंशा जताई। उन्होंने कहा कि सूचना केन्द्र अकादमी के समस्त साहित्यिक आयोजनों का प्रमुख केन्द्र बनेगा और में आयोजनों की श्रृंखला साहित्यकार रांगेय राघव में जन्मशताब्दी वर्ष के आयोजनों के साथ होगी। उन्होंने सूचना केन्द्र में अन्य समस्त साहित्यिक आयोजनों को भी करने और शोधाथियों के लिए विशेष कार्यशालाएं आयोजन की बात भी रखी। उपनिदेशक शर्मा ने अकादमी के सभी आयोजनों में सहयोग करने को आश्वस्त भी किया।
अपनी विशिष्ट रचनाओं के लिए विख्यात हैं सहारण, मिल चुके कई राष्ट्रीय अवार्ड
दो दिन पहले ही बुधवार को साहित्य अकादमी अध्यक्ष का पदभार संभालने वाले दुलाराम सहारण का जन्म 15 सितंबर 1976 को राजस्थान के गाँव भाड़ंग तहसील तारानगर जिला चुरू में माँ जहरो देवी और पिता मनफूल सहारण के घर हुआ। अपने जीवन काल में अब तक वे कई पुस्तकें लिख चुके हैं जिसके लिए विभिन्न पुरस्कार प्राप्त हैं। साहित्यकारों के प्रति हमेशा से ही चिंतित रहें एवं समाजसेवा के क्षेत्र में भी निरंतर कार्यरत हैं।
सहारण की कई पुस्तकों ने लोगों के दिल में बनाई जगह
दुलाराम सहारण की कई पुस्तकों जैसे पीड़ (कहानी संग्रह, राजस्थानी), आंगणैरी ओळूं (औटोबायोग्राफी, राजस्थानी), क्रिकेट रो कोड (बाल कहानी, राजस्थानी), चाँदी की चमक (बाल कहानी, हिन्दी), जंङ्गळ दरबार (बाल उपन्यास, राजस्थानी) अनुवाद, प्रसिद्ध रही है। कई अनुवाद पुस्तकें जैसे च्यार पाठ (उपन्यास, रवीन्द्रनाथ ठाकुर) साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, हिन्द स्वराज (महात्मा गांधी), जेवड़ी (उपन्यास, तकशी शिवशंकर पिल्लै), साहित्य अकादमी, नई दिल्ली, कासी रो अस्सी (उपन्यास, काशीनाथ सिंह), कथा कैवती जातरावां (यात्रा-वृतांत, कुसुम खेमानी) आदि प्रसिद्ध रही। उन्होंने अणुसिरजण (तिमाही पत्रिका, राजस्थानी), लीलटांस (तिमाही पत्रिका, राजस्थानी), आलोचना शोध पत्रिका (सालाना पत्रिका, राजस्थानी) का सम्पादन कार्य भी किया।
विभिन्न पुरस्कारों से नवाज़े गए सहारण
दुलाराम सहारण को अब तक भत्तमाल जोशी महाविद्यालय पुरस्कार – 1996 (राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर), श्रीमति बसंती देवी धानुका युवा साहित्य पुरस्कार- 2009 (धनुका सेवा ट्रस्ट, फ़तेहपुर शेखावाटी), युवा पुरस्कार – 2011 (साहित्य अकादमी, नई दिल्ली), युवा पुरस्कार – 2014 (भारतीय भाषा परिषद कोलकाता), गौरी शंकर कमलेश साहित्य पुरस्कार-2015 (ज्ञान भारती संस्थान, कोटा) मिल  चुके हैं। इसके साथ ही विभिन्न सम्मान जैसे युवा पुरस्कार (नेहरू युवा केंद्र, चुरू), ज्ञान फ़ाउंडेशन सम्मान (ज्ञान फ़ाउंडेशन, बीकानेर), साहित्य गौरव सम्मान-2012 (अपणायत संस्थान, तारानगर), रामगोपाल गिरधारी लाल सराफ अलंकरण-2014 (दी यंग्स वेल्फेयर सोसाइटी, रतनगढ़), सलिला सम्मान (सलिला संस्थान, सलूम्बर), प्रज्ञा सम्मान (प्रज्ञालय संस्थान, बीकानेर) मिल चुके हैं। उनकी नियुक्ति से साहित्य जगत में उत्साह है।

By Udaipurviews

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