हनुमान जी से सीखें स्वाभिमान व अभिमान की बारीकी : अंशु हर्ष
तकनीक, प्रबंधन व सेवा भाव में आदर्श है हनुमान : चन्द्रेश
उदयपुर,13 अप्रैल। मेवाड़ टॉक फेस्ट, अखिल भारतीय साहित्य परिषद व राजस्थान साहित्य अकादमी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में हनुमान जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रविवार को साहित्यिक संवाद “हनु प्रज्ञा प्रबंधन” का आयोजन हुआ। ‘महाभारत के हनुमान’ पुस्तक के लेखिका अंशु हर्ष व ‘वर्तमान में हनुमान’ में लेखक चन्द्रेश टेलर से संवाद किया।
लेखिका अंशु हर्ष ने कहा कि युवाओं को स्वाभिमान और अभिमान की बारीक रेखा को हनुमान से सीखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि स्वाभिमान व अभिमान के मध्य सूक्ष्म अंतर को सत्यभामा सुदर्शन चक्र, अर्जुन व भीम के उदाहरणों से समझाया। बिना संकट के भी हम प्रभु का स्मरण कर सकते है। प्रभु व भक्त के मध्य औपचारिकता नहीं होती है।
लेखक चंद्रेश टेलर ने बताया कि स्वामी विवेकानंद युवाओं का आदर्श हनुमान को मानते हुए कहते है कि उनके जैसा साहस, विवेक और बुद्धि का समावेश होना चाहिए। हनुमान के लचीलेपन का गुण सबके भीतर होना चाहिए। जहां जैसा अपेक्षा उस अनुरूप भूमिका में ढ़ल जाते है। यह देश, समाज और परिवार में समन्वय बनाने में सहायक है।
समन्वयक प्रो. राजश्री चौधरी ने बताया कि चर्चा के मॉडरेटर कपिल द्वारा पूछा गया कि वर्तमान में युवाओं के सामने असमंजस और भ्रम की स्थिति होती है, उसमें से कैसे निकला जा सकता है? लेखिका अंशु ने शास्त्र सम्मत उत्तर देते हुए कहा कि तथ्यों की जानकारी के लिए सही साहित्य का मार्ग चुनना चाहिए। हनुमान सात चिरंजीवियों में से एक है। वे सदा सहायक होंगे।
कार्यक्रम के शुभारंभ में उभरते गायक सिद्धार्थ राव ने “हम कथा सुनाते है..” गीत की मनमोहक प्रस्तुति दी।
अरबन स्कैचर्स के सुनील लड्ढा एवं सदस्यों ने हनुमान जी के प्रसंगों पर लाइव स्कैच बनाये।
कार्यक्रम में अतिथि
राजकीय मीरा कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य दीपक माहेश्वरी, समाजसेवी मदन छाजेड़, यशवंत पालीवाल, गोपाल चौहान उपस्थित रहे। एमटीएफ के मेंटर मदन मोहन टांक, सुनील खटीक, विकास छाजेड़, रूचि श्रीमाली, जयदीप आमेटा, साहित्य परिषद के आशा पाण्डेय ओझा, कुंजन आचार्य, साहित्य अकादमी के डॉ प्रकाश नेबनानी कार्यक्रम में उपस्थित रहे एवं अपने विचार व्यक्त किये।
अतिथों द्वारा कार्यक्रम पश्चात एमटीएफ की कॉफ़ी टेबल बुक का विमोचन किया गया, जिसमें अब तक हुए एमटीएफ के कार्यक्रमों का चित्र सहित वर्णन है।
वॉलंटियर कॉर्डिनेटर नीतू राठौड़ ने सभी कलाकारों, साहित्यकारों व वॉलंटियर्स के सम्मान का संयोजन किया।
कार्यक्रम में अतिथियों को उपरणा, प्रतीक चिन्ह स्वरूप राम मन्दिर एवं पुस्तकें भेंट की गई। अर्बन स्केचर्स ग्रुप एवं वोलिएंटर्स को प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गए।
संविधान पर प्रदर्शनी-
भारतीय संविधान अंगीकार होने के 75 वर्ष के उपलक्ष्य में संविधान पर प्रदर्शनी लगाई गई। संविधान की मूल प्रति में लगभग हर अध्याय के आरंभ में कोई न कोई चित्र छापा गया हैं ऐसे कुल 22 चित्रों को संविधान निर्माताओं ने जिस विचार से संविधान में शामिल किया, उसका विवरण प्रदर्शनी के माध्यम से दिखाया गया।
देवी अहिल्या बाई होल्कर पर प्रदर्शनी
इस वर्ष हम देवी अहिल्या बाई होल्कर की 300 वीं जन्म जयंती मना रहे है, इस पर प्रदर्शनी के माध्यम से उनके जीवन को दिखाया गया।
जनजातीय नायक
अम्बेडकर जयंती की पूर्व संध्या के उपलक्ष्य में भारत के जनजातीय नायको के जीवन पर भी प्रदर्शनी लगाई गयी।
बुक स्टॉल एवं सेल्फी पॉइंट
कार्यक्रम में पुस्तकों की स्टॉल लगाई गई, जिसमें लगभग 500 से अधिक टाईटल की पुस्तकें लगाई गई।
स्वामी विवेकानंद, बिरसा मुंडा, महाराणा प्रताप महापुरुषों के कट ऑउट लगाए गए एवं सेल्फी पॉइंट लगाए गए जो कि युवाओं मध्य आकर्षण एवं उत्साह रहा।
कार्यक्रम समन्वयक राजश्री चौधरी ने भूमिका रखी। अंजलि जुयल ने संचालन किया। धन्यवाद ज्ञापन जयदीप आमेटा ने किया।