मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर ‘जीवन्त हुई मुंशी प्रेमचंद की कहानियां‘

उदयपुर, 31 जुलाई। आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अन्तर्गत मुंशी प्रेमचंद जयंती  पर कफन और पूस की रात कहानी पर आधारित नाट्य मंचन का आयोजन अकादमी के एकात्म सभागार में आयोजित किया गया।
अकादमी सचिव डा. बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि इस अवसर पर टीम नाट्य संस्था द्वारा निर्देशक सुनील टांक व सह निर्देशक महिपाल सिंह राठौड़, दो नाटक, पूस की रात (एकल नाटक) व कफ़न की सफल व भावविभोर प्रस्तुति दी गई। नाटक ‘पूस की रात‘ हमें पात्र हल्कू की दीनता समाज की आर्थिक विषमता ज़मीदार वर्ग का शोषण व किसान वर्ग की लाचारी व मजबूरी से अवगत कराता है जिसमें कलाकार अजय शर्मा ने अपनी एकल व शानदार प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं नाटक कफ़न हमें आधुनिक, आर्थिक विषमता, बेरोजगारी और निकम्मे समाज-व्यवस्था की बदौलत किस तरह दलित श्रम-जीवी वर्ग कामचोर, और स्वार्थी व जड़ हो जाता है की तरफ इंगित करते हैं जिसमें मुख्य कलाकारों में घीसु व माधव की भूमिका में-जगदीश चन्द्र पालीवाल, प्रियांशु सिंह राव रहे अन्य कलाकारो में आर.सी.देवन, भावेश सिंघटवाड़िया, तमन्ना गोयल, मोहसिन खान, जसबीर सिंह, करण, निशा, जितेन्द्र कहर रहे, वहीं बैकस्टेज, लाइट्स, म्यूज़िक, स्टेज मैनेजिंग व मेकअप आर्टिस्ट में, मुकेश मेघवाल, राकेश झंवर, अखिलेश झा, शक्ति सिंह पँवार, तमन्ना गोयल, दर्शिका चौहान, प्रीति चौहान, नवधा तिवारी केमरामेन किशन सिंह राठौर रहे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आरएएस दिनेश कोठारी थे। वहीं साहित्यकारों व रंगकर्मियों की मौजूदगी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई जिनमें, वरिष्ठ रंगकर्मी दीपक दीक्षित, सोहन सुवालका, राकेश मेहता, अशोक मंथन, व कैलाश ब्रजवासी प्रमुख थे। साथ ही सुनील टाँक के कस्से हुये निर्देशन कहानियां जीवंत हो उठी, अभिनय से दर्शकों को सोचने पर विवश कर दिया दर्शकों ने अपनी तालियों से उत्साहवर्धन किया, दर्शकों से हॉल खचाखच रहा वहीं प्रेमचन्द की कहानियों के नाट्य रूपान्तरण प्रस्तुति ने दर्शकों को झकझोर व आत्मविभोर किया व कलाकारों को खूब सराहना मिली। यह आयोजन राजस्थान साहित्य अकादमी, टीम नाट्य संस्था और दी हार्ट सोसाइटी उदयपुर के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। आभार अकादमी सचिव ने जताया।  

By Udaipurviews

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