महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन 

जयपुर, 24 नवंबर। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने कहा है कि समाज में इतना सुधार आना अपेक्षित है कि बेटियों को हम यह कहना बंद कर देने कि स्थिति में आ जाएं कि बेटी तुम शाम को समय पर घर आ जाना। तब जाकर समाज में एक सुरक्षित वातारण विकसित होने की परिस्थितियों का आगाज़ होगा। इसके लिए सरकार के साथ समाज के प्रत्येक नागरिक को प्रयास करना होगा एवं योगदान देना होगा। तब जाकर महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम सुनिश्चित हो सकेगी।
निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा महिलाओं के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम दिवस के क्रम में 24 और 25 नवंबर 2022 को राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय कार्यशालाओं की श्रृंखला में गुरूवार को निदेशालय महिला अधिकारिता परिसर में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भूपेश ने उक्त विचार व्यक्त किये।
श्रीमती भूपेश ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के कारण महिलाओं में हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के साथ जो हिंसा की घटनाएं घटित होती हहैं उनकी रोकथाम के लिए सरकार पूरी तरह से प्रयास करती हैं। इसके साथ ही ऐसी घटनाएं रोकने के लिए आम जन के स्तर पर प्रयास किए जाने आवश्यक है। हम लोगों को, बच्चियों को शिक्षित करना होगा।  उन्होंने कहा कि राज्य में 20 साल बाद नई महिला नीति बनाई गई।  कोविड महामारी के बाद भी हमारे विभाग ने बच्चियों को शिक्षा से जोड़े रखा जिससे लाखों बच्चियां शिक्षित हुई।
राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। आई एम शक्ति और उड़ान, दो योजना ऐसी है जो महिलाओं और बालिकाओं के लिए उभर कर आई हैं। महिलाओं के हित में इन दोनों योजनाओं में सौ प्रतिशत अंशदान राजस्थान सरकार अपने स्तर पर कर रही है। आई एम शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना, आई एम शक्ति स्किल्स योजना , आई एम शक्ति ऐजुकेशन की योजनाओं से लाखों महिलाएं जुड़ी और लाभान्वित हुई हैं। इसी प्रकार उड़ान योजना पूरे देश में एक सिरमौर और रोल मॉडल योजना के रूप में उभर रही है।
श्रीमती भूपेश ने इस कार्यशाला में विभागीय योजनाओं से सम्बंधित आई ई सी सामग्री यथा- पोस्टर, कैलंडर, लघु फिल्म विमोचन का विमोचन करते हुए कहा कि महिलाओं के विरूद्ध हिंसा अब किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जायेगी और आज जो आपने फिल्म देखी इन सब का उद्देश्य  एक जागरूकता लाना है। यह जागरूकता भी सभी वर्गों में आवश्यक है। यह केवल महिलाओं के लिए ही यह जागरूकता अभियान नहीं है यह पुरूषों के लिए भी जरूरी है। जो लघु फिल्म, विडियो हमने देखी है उनको देखकर लगता है मैसेज हम देना चाह रहेें वह स्पष्ट है किसी भी लेवल पर अगर मां जागृत हो जायेगी, एक नारी जागृत हो जायेगी तो हिंसा भी काफी हद तक कम हो जायेगी। हमारा विभाग विभाग कई तरह के कार्यक्रम चला रहा है।
हमारे मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोज की सोच है कि समाज में महिलाओें के साथ सकारात्मक व्यवहार किया जाए और उन्हें अपने मानवीय, सामाजिक, आर्थिक तथा सभी तरह के विकास के समूचित अवसर उपलब्ध करवाएं जाएं।
श्रीमती भूपेश ने कहा कि प्रदेश में भु्रण हत्याएं रोकी जा रही है। पहले राजस्थान में लड़कियों का अनुपात कम था आज मुझे खुशी है कि आप और हम सब मिलकर जो प्रयास कर रहे है उसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।
महिलाओं और बालिकाओं के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने हेतु निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा यूएनएफपीए के सहयोग से सेफ्टी ऑडिट की मार्गदर्शिका तैयार की गई है। जिसका विमोचन भी किया गया।  साथ ही घरेलू हिंसा,जेंडर समानता और बाल विवाह सबंधित  तीन लघु  फिल्म दिखाई गई। इन फिल्म का उद्देश्य जैण्डर समानता, महिलाओं/बालिकाओं के प्रति हिंसा,बाल विवाह  और समाज मे व्याप्त  दृष्टिकोण को बदलने एवं सकारात्मक सोच विकसित करना है।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्रीमती सीमा हिंगोनिया द्वारा पुलिस प्रशासन की ओर से महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्मूलन हेतु किये जा रहें प्रयासों तथा इस हेतु थानों में दी जा रही सुविधाओं जैसे महिला परामर्श केन्द्र, महिला डेस्क आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। उन्होंने सुरक्षा सखी योजना को महत्वपूर्ण बताया इसी प्रकार निर्भया स्क्वैड द्वारा निभाई जा रही भूमिका को भी महत्वपूर्ण बताया।
इस अवसर पर यूएनएफपीए के स्टेट प्रोग्राम एनेलिस्ट श्री मनीष ने उड़ान योजना को महिलाओं और बालिकाओं के लिए बहुत उपयोगी बताया और कहा कि फील्ड में इस योजना के प्रति बालिकाओं के रूझान को देखा गया है।
निदेशक महिला अधिकारिता श्रीमती पुष्पा सत्यानी ने अपने सम्बोधन में कहा कि महिलाओं के विरूद्ध हिंसा को किसी स्तर पर सहनीय नहीं है। इसके लिए न केवल महिलाओं को जागरूक होना होगा अपितु स्वंय पुरूषों को भी इस बात को समझना होगा। उन्होंने कहा कि महिलाओं को महिलओं के प्रति होने वाली हिंसा के विरूद्ध स्वंय पहल करनी होगी। अपने घरों में महिला हिंसा रोकने के लिए महिलाओं को जागरूक होनो होगा।
By Udaipurviews

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