भीलवाड़ा के सरकारी अस्पताल में बच्चे बदले, परिवार को लड़का बताकर लड़की सौंपी

पांच घंटे तक अस्पताल में चला हंगामा, बाद में स्टाफ बोला—गलती से हो गया
उदयपुर, संवाद सूत्र। भीलवाड़ा के सरकारी महात्मा गांधी हॉस्पिटल एक बार फिर चर्चा में है। वार्मर में जलकर दो बच्चों की मौत की घटना के बाद स्टाफ की गलती से पांच घंटे तक अस्पताल में हंगामा बरपा रहा। स्टाफ इस बार नवजातों को बदल दिया। परिवार के हंगामे के बाद पुलिस पहुंची, तब जाकर मामला शांत हुआ।
बताया गया कि भीलवाड़ा के महात्मा गांधी जिला अस्पताल में पुर गांव के दिनेश विश्नोई की पत्नी टीना की डिलेवरी आपरेशन के जरिए हुई। आपरेशन थिएटर से निकले स्टाफकर्मी ने लड़का होने की बात कही। नवजात शिशु को दिखाकर एनआईसीयू में ले जाया गया। बीस मिनट बाद स्टाफकर्मी वापस और बताया कि उसकी पत्नी के लड़की हुई है। वह उसकी गोद में लड़की दे गया। इसके बाद दिनेश के परिजन एकत्रित हो गए तथा बच्चा बदलने की बात पर हॉस्पिटल में हंगामा करने लगे। परिजनों ने नवजात का डीएनए करवाने की मांग की है। मामला इतना बढ़ गया कि पुलिस बुलाना पड़ी। अस्पताल कर्मचारियों ने बताया कि टीना के बैड के पास दीपक सिंधी की पत्नी की भी डिलीवरी हुई थी। उनके लड़का हुआ था। जल्दबाजी में गलती से बच्चे बदल गए। हंगामे के बाद हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़, एमसीएचसी सेंटर प्रभारी डॉ. इंद्रा सिंह सहित अन्य डॉक्टर व भीमगंज थाना पुलिस का जाप्ता मौके पर पहुंचा। अस्पताल अधीक्षक डॉ. गौड़ का कहना है कि बुधवार को एमसीएससी सेंटर में काफी सिजेरियन केस थे। ओटी में पहले महिला निमिशा के लड़का और कुछ देर बाद टीना के लड़की हुई थी। ओटी में ऑपरेशन के समय बच्चा होते ही परिजनों को आवाज लगाते हैं। उस समय बच्चे देने और बताने में गलती हो गई। लेकिन, ओटी में जैसे ही बच्चा होता है। सबसे पहले उसके गले में टैग लगा दिया जाता है। दोनों ही बच्चों के गले में टैग लगा हुआ था। जिसे परिजनों को भी बता दिया गया है। उन्हें पूरी तरह से संतुष्ट किया गया। बाद में टीना को लड़की और दूसरी महिला को लड़का सौंप दिया गया।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!