एयरफोर्स के विशेष विमान से उदयपुर के हवाई अड्डे पर आएंगे, यहां से हेलीकॉप्टर से जाएंगे मालासेरी
भीलवाड़ा जिले के मालासेरी में भगवान तेजनारायण का मंदिर, पीएम 35 मिनट से अधिक मंदिर में बिताएंगे
– सुभाष शर्मा
उदयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को एक बार फिर मेवाड़ की यात्रा पर है। वह वायुसेना के विशेष विमान से उदयपुर के डबोक स्थित महाराणा प्रताप एयरपोर्ट पहुंचेंगे और पांच मिनट बाद हेलीकॉप्टर से गुर्जरों के तीर्थ मालासेरी पहुंचेंगे। भीलवाड़ा जिले के मालासेरी डूंगरी पर भगवान देवनारायण के मंदिर में प्रधानमंत्री आधा घंटे से अधिक समय बिताएंगे। वहां एक सभी भी आयोजित होगी, जिसकी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं।
प्रधानमंत्री मोदी 28 जनवरी शनिवार को भगवान देवनारायण के 1111 वें जन्मोत्सव समारोह में शामिल होंगे। कार्यक्रम को लेकर कई दिनों से तैयारियां जारी थी। मालासेरी में जनसभा को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री दोपहर में ही हेलीकॉप्टर से डबोक एयरपोर्ट लौटेंगे और वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली के लिए प्रस्थान करेंगे।
प्रधानमंत्री की यात्रा को लेकर डबोक एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। एसपीजी, आईबी सहित अन्य सिक्योरिटी एजेंसियां सुरक्षा जांच के लिए पहुंच चुकी हैं। पीएम मोदी की सुरक्षा में एसपीजी, आईबी और सीआईएसएफ के करीब 500 से ज्यादा जवान तैनात रहेंगे। मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए आरएनटी मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विशेषज्ञ, मेडिसिन विशेषज्ञ, निश्चेतना सहित अन्य विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम मय लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस एयरपोर्ट पर तैनात रहेगी।
सीआईएसएफ ने एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों के सामान की गहनता से जांच-पड़ताल शुरू कर दी है।
कर सकते हैं बड़ी घोषणा
संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री मोदी मालासेरी यात्रा के दौरान भगवान देवनारायण मंदिर कोरीडोर योजना की घोषणा कर सकते हैं। ऐसा होता है कि देवनारायण मंदिर का विकास उज्जैन के मंदिर की तरह किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि भगवान देवनारायण का मंदिर गुर्जर समाज के लोगों के लिए सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है। मालासेरी डूंगरी में भगवान देवनारायण के जीवन से जुड़ी कहानियों पर पेनोरमा पहले से बना हुआ है। कॉरिडोर में भगवान देवनारायण के जन्म से लेकर उनकी सभी कहानियों पर फोकस किया जा रहा है। खास बात ये है कि इन सभी का आइडिया देश की सबसे लंबी देवनारायण की फड़ से लिया जाएगा।
पीएम मोदी को फड़ से बताएंगे कहानी-किस्से
भगवान देवनारायण मंदिर कॉरिडोर की थीम को लेकर रिसर्च टीम ने भीलवाड़ा के जाने-माने फड़ चित्रकार कल्याण जोशी को भी मालासेरी बुलाया हुआ है। जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फड़ के जरिए उन्हें भगवान देवनारायण को लेकर उनके जीवनकाल की स्मृतियों को समझाने का प्रयास करेंगे। भगवान देवनारायण की फड़ों में उनके जीवन के जुड़े 40 से अधिक प्रसंग शामिल हैं। जिन्हें दो हजार से अधिक चित्रों से समझाया गया है। पीएम मोदी द्वारा देवनारायण लोक कॉरिडोर की घोषणा होने के बाद यह राजस्थान का सबसे बड़ा कॉरिडोर भी बन सकता है। कॉरिडोर के लिए मालासेरी डूंगरी मंदिर ट्रस्ट के पास करीब 270 बीघा जमीन है।
पहले से है देवनारायण पेनोरमास, देश की सबसे बड़ी फड़ भी यहां
मालासेरी डूंगरी पर भगवान देवनारायण मंदिर के समीप पहले से ही देवनारायण पेनोरमा पहे से ही बना हुआ है। जिसमें भगवान देवनारायण की कहानी और किस्सों को बताया गया है। भगवान देवनारायण की फड़ को दो भागों में बांट रखा है। इनमें इनके पिता सवाई भोज भी शामिल हैं। दूसरे भाग की फड़ में भगवान देवनारायण के जीवन का चित्रण है। इन्हीं की कथाएं राजस्थान में ज्यादा प्रचलित हैं। उल्लेखनीय है कि भगवान देवनारायण की फड़ भारत की सबसे बड़ी फड़ है। इसी फड़ से देवनारायण लोक की थीम लेने की भी उम्मीद है।
गुर्जरों का सबसे बड़ा आस्था स्थल, जानिए कारण
मालासेरी डूंगरी भीलवाड़ा जिले के आसींद उपखंड से 5 किलोमीटर दूर है। 1111 साल पहले भगवान देवनारायण की माता साडू ने यहीं तपस्या की थी, जो गुर्जर थीं। जनश्रुतियों और उपलब्ध लोक साहित्य के आधार पर कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने स्वयं संवत 968 माध माह की सप्तमी को जन्म लिया था। भगवान देवनारायण का जन्म मालासेरी डूंगरी की सबसे ऊपरी चोटी पर जमीन फटकर अंदर से निकले कमल के फूल की नाभि में हुआ था। इसीलिए यह मंदिर गुर्जर समाज का एकमात्र आस्था का स्थल है। वह राज्य के शासक और एक महान योद्धा हुआ करते थे। देवनारायण ने 8 वीं शताब्दी में अजमेर में अपना शासन किया था और देश में अरब घुसपैठ का प्रतिरोध किया था। भगवान देवनयारण की गुर्जर समाज पूजा करता है, क्योंकि उन्होंने अपने पराक्रम से अत्याचारी विदेशी शासकों से खूब लड़ाइयां लड़ी थीं और उन्हें पराजित किया था। देवनारायण मंदिर में भगवान देवनारायण की प्रतिमा है। वह राजस्थान के लोक देवता माने जाते हैं और उन्हें भगवान विष्णु का अवतार कहा जाता है। देवनारायण मंदिर सैकड़ों वर्ष प्राचीन है, जिसकी भूमि को लेकर विवाद भी रहा और 45 साल तक इस मंदिर में पूजा—अर्चना नहीं हो पाई।
गुर्जर मतदाताओं को साधने का प्रयास
भाजपा नेता प्रधानमंत्री की यात्रा को पूरी तरह धार्मिक बता रहे हैं लेकिन राजनीतिक पंडित मानते हैं कि यह गुर्जर समुदाय को साधने के लिए राजनीतिक यात्रा हैपीएम की यात्रा की जिम्मेदारी संभाले हुए केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल कहते हैं कि प्रधानमंत्री अपनी धार्मिक यात्रा पर हैं और मालासेरी में जनसभा को नहीं, बल्कि धर्मसभा को संबोधित करेंगे। यहां से प्रधानमंत्री मोदी गुर्जर समुदाय को बड़ा मैसेज देकर अपने पक्ष में जोड़ने का प्रयास करेंगे। गुर्जर महासभा का दावा है कि कि राजस्थान ही नहीं, अन्य राज्य के गुर्जर समाज के लोग इस सभा में भाग लेंगे। इधर, राजनीतिक विषयों के जानकार डॉ. सतीश बी. कौशिक का कहना है कि यह धार्मिक से ज्यादा राजनीतिक यात्रा है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव आने वाले हैं और गुर्जर समुदाय पहले ही उनके नेता सचिन पायलट की उपेक्षा के चलते नाराज बैठा है। इसलिए गुर्जरों को साधने का प्रयास है। राजस्थान सरकार के राजस्व मंत्री और भीलवाड़ा जिले के नेता रामलाल जाट तथा अन्य कांग्रेस नेताओं का भी यही कहना है कि यह धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि समाज में अलगाव पैदा करने के लिए धर्म के नाम पर की जाने वाली यात्रा है।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में फिलहाल गुर्जर समुदाय के सभी नौ विधायक कांग्रेस के हैं। वर्तमान में गुर्जर समुदाय के कांग्रेस के प्रमुख नेता सचिन पायलट और प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रही तल्खी का फायदा भी भाजपा आने वाले विधानसभा चुनाव में उठाना चाहती है। साल के अंत में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं।
भाजपा शासन में 72 गुर्जर हो गए शहीद, क्या पीएम माफी मांगेंगे?
इधर, प्रदेश के गुर्जर नेता हिम्मत सिंह का कहना है कि वह प्रधानमंत्री का मालासेरी आने पर स्वागत करते हैं लेकिन वह यह भी पूछना चाहते हैं कि वह यहां सार्वजनिक रूप से समाज से उन 72 लोगों के मारे जाने को लेकर माफी मांगेंगे, जो आरक्षण आंदोलन के दौरान मारे गए। साल 2007—08 में भाजपा सरकार के दौरान हुए आरक्षण आंदोलन में सरकार की चलाई गोली से समाज 72 गुर्जर मारे गए।
प्रधानमंत्री मोदी की 28 को मेवाड़ यात्रा, उदयपुर होकर गुर्जरों के तीर्थ मालासेरी जाएंगे
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