पाप कर्मों का त्याग एवं पुण्य कर्मों को इकट्ठा करना है  : मुनि श्रद्धानंद – एकदशी पर हुई विशेष शांतिधारा व जलाभिषेक

उदयपुर 10 जूलाई । केशवनगर स्थित आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में रविवार को विशेष पूजा अर्चना हुई। इस दौरान मूलनायक भगवान की शांतिधारा व जलाभिषेक किया गया। आदिनाथ दिगंबर जैन दशा नरसिंहपुरा चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष धनपाल जेतावत एवं मंत्री जीवनधर लाल जेतावत ने बताया कि आदिनाथ भगवान का चित्र का अनावरण एवं दीप प्रज्वलन अजीत जेतावत एवं शांति कासलीवाल व श्रेष्ठीगण द्वारा किया गया। शास्त्र भेंट नरेश गोयल एवं महावीर जेतावत द्वारा किया गया। मुनिश्री का पाद प्रक्षालन महावीर वाणावत, कुलदीप जेतावत, कमलेश जैन द्वारा किया गया।  


संत सुधा सागर संयम भवन में प्रवचन सभागार में मुनि श्रद्धा नंद एवं मुनि पवित्रानंद महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि हमें पाप कर्मों का त्याग करना है एवं पुण्य कर्मों को इक_ा करना है पाप और पुण्य को जानने के लिए  जिनवाणी का रसपान एवं शास्त्र का अध्ययन करना चाहिए । अपने कषायों अपने  व इंद्रियों को वश में करना होगा ।  गुरुजी ने बताया कि बदाम खाने से अकल नहीं आती है ठोकर खाने से अकल आती है ।  पानी जो पहाड़ों से आता है उसका मूल उत्पत्ति कहां से है वह बड़े बड़े वैज्ञानिक भी पता नहीं लगा पाए परंतु आचार्य महाराज ने कहा कि पाषाण के अंदर ही पानी छुपा है जैसे दूध के अंदर घी छुपा है वैसे ही हमारे शरीर के अंदर आत्मा है ।  जागना एवं जगाना यह हमारे ऊपर है सभी हमारे आत्मा के अंदर ही हैअत: इस शरीर से ऐसा कर्म करना चाहिए जो हमारे धर्म और देश के लिए कुछ कर सकें इसलिए शुभ भावों को पकड़े और अशुभ भावों का त्याग करें ।

  चातुर्मास व्यवस्था समिति के अध्यक्ष कुंथु कुमार गणपटोत एवं महामंत्री जिनेन्द्र गंगावत तथा मंत्री कैलाश जैन ने बताया कि 13 जुलाई बुधवार को गुरु पूर्णिमा एवं 14 वीर शासन जयंती एवं 17 रविवार चातुर्मास मंगल कलश की स्थापना का कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा।

By Udaipurviews

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