जयपुर, 11 नवम्बर। राज्य सरकार ने आदेश जारी कर नारकोटिक ड्रग्स एण्ड साइकोट्रोपिक सब्स्टेन्सेज एक्ट- 1985 की धारा 36 की उपधारा 1 व 2 के अधीन उत्पन्न मामलों में विचारण करने के लिए विनिर्दिष्ट विशेष न्यायाधीश के न्यायालयों में पैरवी करने के लिए विशेष लोक अभियोजक की शक्तियां प्रदान की गई हैं।
यह शक्तियां 17 अप्रेल 2018 के पश्चात् सृजित जिला मुख्यालयों के अलावा शेष अन्य स्थानों पर स्थापित अपर जिला एवं सेशन न्यायालयों तथा अपर जिला एवं सेशन न्यायालय, नगर जिला भरतपुर में राज्य की ओर से पैरवीरत अपर लोक अभियोजक एवं राजकीय अभिभाषक को दी गई हैं।
विधि विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री प्रवीर भटनागर ने बताया कि इन न्यायालयों को उक्त अधिनियम के तहत मामलों की सुनवाई के लिए अपनी क्षेत्रीय सीमाओं में अधिकारिता वाले विशेष न्यायलय विनिर्दिष्ट किया गया है। इन न्यायालयों में पीठासीन अधिकारियों को उक्त अधिनियम के अधीन उत्पन्न मामलों में विचार करने के लिए विशेष न्यायाधीश नियुक्त किया है।