उदयपुर। श्रीनाथजी की नगरी नाथद्वारा में विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा जिसकी ऊंचाई 369 फीट का लोकार्पण महोत्सव 29 अक्टूबर से होगा शुरू। 9 दिवसीय कार्यक्रम के बीच शिव प्रतिमा का लोकार्पण समारोह का होगा आयोजन, जिसमें देश-विदेश सहित कई गणमान्य लोग भाग लेंगे। शिव प्रतिमा का निर्माण संत कृपा सनातन संस्थान के ट्रस्टी मदन पालीवाल द्वारा कराया है।
शिव प्रतिमा स्थल नाथद्वारा पर आयोजित पत्रकार वार्ता में पालीवाल ने बताया राजस्थान के राजसमंद जिले के नाथद्वारा में श्रीनाथ जी की पावन धरा पर 369 फीट की विश्व की सबसे ऊंची शिव प्रतिमा ‘‘विश्वास स्वरूपम‘‘ का लोकार्पण उत्सव 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक आयोजित किया जाएगा। पालीवाल ने बताया कि उत्सव में नो दिनों तक धार्मिक, सांस्कृतिक व आध्यात्मिक कार्यक्रम होंगे तथा विश्वख्यात श्रीरामकथा वाचक एवं संत मोरारी बापू द्वारा 9 दिवसीय रामकथा इस उत्सव में चार चांद लगाएगी। प्रतिमा के स्वरूप को लेकर पालीवाल ने बताया कि वर्षो पूर्व श्रीजी की नगरी में भगवान शिव की अल्लड़ मुद्रा में विश्व की सबसे बड़ी शिव मूर्ति बनवाने का ड्रीम प्रोजेक्ट तैयार किया था। जिसके दस साल निर्माण में लगे। निर्माण के वक्त इसकी ऊंचाई 251 फीट रखनी थी जिसे बाद में 351 फीट की तथा भक्तों के आग्रह पर शिव की प्रतिमा में गंगा का स्थान होना चाहिए जिसे अठारह फीट और ऊंचाई बढ़ाते हुए शिवजी के शीश जटाओं में गंगा बनाई इस तरह शिव प्रतिमा की ऊंचाई 369 फीट पहुंच गई।
नाथद्वारा की पहचान अभी श्रीनाथजी जी नगरी के रूप में है लेकिन अब इसमें शिवजी की प्रतिमा वाली नगरी भी बन चुकी है। नाथद्वारा में शिव प्रतिमा की स्थापना के बाद भगवान शिव की यह अद्भुत प्रतिमा लोगों के आकर्षण के साथ ही राजस्थान के पर्यटन में एक नया आयाम स्थापित करेगी साथ ही नाथद्वारा की गणेश् टेकरी पर बनी 369 फीट की ऊँची यह प्रतिमा 51 बीघा की पहाडी पर बनी है, जो 20 किलोमीटर दूर से ही नजर आने लग जाती है। रात्रि में भी यह प्रतिमा स्पष्ट रूप से दिखाई दे, इसके लिए विशेष लाइट्स से इसकी विधुत सज्जा की गई है।
रामकथा के लिए तैयारियां: 29 अक्टूबर से 6 नवम्बर तक नाथद्वारा में आयोजित होने वाले इस उत्सव में संत मोरारी बापू के प्रवचनों के साथ ही आस्था, संस्कृति, का महासंगम भी शुरू होगा। इस उत्सव का नजारा किसी महाकुंभ से कम नहीं होगा। रामकथा आयोजन के लिए तकरीबन डेढ़ लाख स्क्वायर फीट का पांडाल लगेगा और करीब 2 लाख स्क्वायर फीट में भोजनशाला का पांडाल बनेगा। जिसमें श्रोतागण भक्तजन भोजन प्रसाद लेंगे।
आकर्षक विद्युत सज्जा से सजेगी श्रीनाथजी की नगरी
शिव प्रतिमा के लोकार्पण समारोह के दौरान चलने वाले 9 दिवसीय आयोजन में पूरी नाथद्वारा नगरी आकर्षक विद्युत सज्जा से सजेगी। 9 दिवसीय उत्सव मंे प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु मोरारी बापू की कथा सुनने आएंगे, जिसकी तैयारी शुरू हो गई है। कथा में आने जाने के लिए नाथद्वारा तहसील के प्रत्येक गांवों से श्रद्धालुओ की व्यवस्था की जाएगी।
369 फीट ऊंची यह शिव प्रतिमा जिसमें लिफ्ट, सीढ़ियां, श्रद्धालुओं के लिए हॉल बनाया गया है। प्रतिमा के अंदर सबसे ऊपरी हिस्से में जाने के लिए 4 लिफ्ट और तीन सीढ़ियां बनी हैं। प्रतिमा के निर्माण में 10 वर्षों का समय और 3000 टन स्टील और लोहा, 2.5 लाख क्यूबिक टन कंक्रीट और रेत का इस्तेमाल हुआ है। प्रतिमा का निर्माण 250 वर्षों की स्थिरता को ध्यानगत रखते हए किया गया है। 250 किमी रफ्तार से चलने वाली हवाएं भी मूर्ति को प्रभावित नहीं करेगी। इस प्रतिमा की डिजाइन का विंड टनल टेस्ट (ऊंचाई पर हवा) आस्ट्रेलिया में हुआ है। बरसात और धूप से बचाने के लिए इस पर जिंक की कोटिंग कर कॉपर कलर किया गया, प्रतिमा को तत पदम् संस्थान ने बनवाया है।
प्रतिमा स्थल पर पर्यटकों की सुविधाओं ओर मनोरंजन के लिये बंजी जम्पिंग का निर्माण किया गया है यह ऋषिकेश के बाद दूसरी सबसे बड़ी बंजी जम्पिंग होगी जिसका लुफ्त उठाने के लिए देश विदेश के पर्यटक यहां आएंगे। साथ ही फुटकोर्ट, गेम जोन, जिप लाइन, गो कार्टिंग,एडवेंचर पार्क, जंगल कैफे का निर्माण भी किया गया है। जहाँ पर्यटक दिन भर यहां इसका लुफ्त उठा सकेंगे। शिव प्रतिमा पर विशेष रूप से लाइट एन्ड साउंड के थ्री डी प्रयोग के द्वारा शिव स्तुति का प्रसारण होगा। पर्यटकों के लिए यह बहुत की आकर्षण का केंद्र होगा। इसमें बरकों कम्पनी के प्रोजेक्टर का प्रयोग किया गया है।
प्रधानमंत्री को भेजा है निमंत्रण: पालीवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस प्रतिमा के लोकार्पण करने का आग्रह करने के लिए निमंत्रण भेजा गया है। संभावना है कि प्रधानमंत्री विश्व की सबसे बड़ी शिव प्रतिमा के लोकार्पण कार्यक्रम में पधारेंगे।