उदयपुर 13 अगस्त। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय एवं गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. इंद्रवर्धन त्रिवेदी ने सहायक आचार्य (इतिहास) डॉ. पीयूष भादविया द्वारा संपादित एवं इंटेक द्वारा प्रायोजित पुस्तक ‘वाटर हेरिटेज ऑफ इंडिया’ का विमोचन स्वर्ण जयंती अतिथि गृह में किया। इस कार्यक्रम में पर्यावरणविद प्रो. महेश शर्मा, विख्यात भूविज्ञानी, प्रो. पुष्पेंद्र सिंह राणावत इतिहास विभागाध्यक्ष, प्रो. दिग्विजय भटनागर, प्रो. प्रतिभा, एफएमएस के डायरेक्टर प्रो. हनुमान प्रसाद एवं डॉ पीयूष भादविया मौजूद थे।
जल विरासत को लेकर कुल 44 शोध पत्र
पुस्तक में भारत के विभिन्न राज्यों एवं नेपाल से कुल 44 शोध पत्र हैं, जिसमें भारत की जल विरासत के बारे में बताया गया है। इन शोध पत्रों से यह स्पष्ट होता है कि प्राचीन काल से ही भारत में राज्य व्यवस्था के अंतर्गत राजा उनके मंत्री, रानियों, व्यापारियों आदि द्वारा तालाब, कुंड, बावडीयों, का निर्माण होता था, जिससे हर समय जल उपलब्ध हो सके एवं कई स्थानों पर बांध के द्वारा नदियों का पानी काम में लिया जाता था।
उदयपुर की अद्वितीय जल व्यवस्था पर भी डाला प्रकाश
वेदो और उपनिषदों में जल से संबंधित देवताओं का वर्णन है और जल की उपयोगिता हमारे संस्कारों, धार्मिक अनुष्ठानों, एवं नित्य उपयोग में सदा से मौजूद है। इस पुस्तक में उदयपुर की अद्वितीय जल व्यवस्था पर भी महत्वपूर्ण प्रकाश डाला गया है। भारत में जल विरासत से संबंधित अनेक पहलू इसमें संकलित है। यह पुस्तक आर्य पब्लिशर उदयपुर द्वारा प्रकाशित है।