जीवन के बाद कर्मयोगी हस्तीमल की देह भी राष्ट्र को समर्पित 

उदयपुर, 14 जनवरी। ‘तन समर्पित मन समर्पित और यह जीवन समर्पित, चाहता हूं मातृभू तुझको अभी कुछ और भी दूं….’ इन पंक्तियों के मर्म को चरितार्थ करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के निमंत्रित सदस्य ज्येष्ठ प्रचारक हस्तीमल हिरण के मकर संक्रांति पर शनिवार सुबह निधन उपरांत सायंकाल गोधूलि वेला में उनकी देह राष्ट्रसेवा को समर्पित कर दी गई। 77 वर्षीय हिरण पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे। उनका मुख्यालय उदयपुर था। उन्होंने उदयपुर स्थित संघ कार्यालय केशव निकुंज में अंतिम श्वांस ली।
दिवंगत हिरण ने अपने 75वें जन्मदिवस पर नेत्र व देहदान का संकल्प लिया था। उनके नेत्र निधनोपरांत शनिवार सुबह चिकित्सकों ने प्राप्त किए। शाम को रवीन्द्र नाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय में उनकी पार्थिव देह शोधकार्य के लिए एनाटॉमी विभाग को समर्पित की गई। पार्थिव देह समर्पण के समय दिवंगत राष्ट्रसेवी की बड़ी बहन सोहनदेवी सांखला, भतीजे कन्हैयालाल हिरण, सुरेश हिरण, विनोद हिरण, भानजे ललित सांखला, भानजी अनिता सांखला ने उन्हें सजल नेत्रों से अंतिम नमन किया। एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. परवीन ओझा, सीनियर प्रोफेसर डॉ. सीमा प्रकाश, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. श्वेता अस्थाना, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ जैन व डॉ. सुनील शर्मा ने देहदान की प्रक्रिया पूरी की।
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. बीपी शर्मा ने बड़ी संख्या में उपस्थित संघ के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि ज्येष्ठ प्रचारक हस्तीमल हिरण ने अपना पूरा जीवन राष्ट्रेसवा में समर्पित किया और मरणोपरांत अपनी देह को भी शोधकार्य के लिए समर्पित करने को संकल्पित हुए। वे आदर्श संगठक थे और सभी स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणापुंज रहेंगे। सभी ने 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की।
इससे पूर्व, दिवंगत ज्येष्ठ प्रचारक के अंतिम दर्शन के लिए पार्थिव देह शिवाजी नगर स्थित संघ कार्यालय में रखी गई। शाम 5 बजे तक बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों सहित समाजजनों ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए। शाम 5 बजे उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई। रामधुन का वादन करते बैंड के साथ सूरजपोल, देहलीगेट होते हुए यात्रा रवीन्द्र नाथ टैगोर आयुर्विज्ञान महाविद्यालय पहुंची जहां उनकी देह को समर्पित किया गया।
इस दौरान स्वयंसेवक ‘तेरा वैभव अमर रहे मां, हम दिन चार रहें न रहें’ का उद्घोष करते रहे। कई स्वयंसेवक नंगे पैर चले। उनकी अंतिम यात्रा में संघ के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
श्रद्धांजलि सभा में राजस्थान क्षेत्र प्रचारक श्री निम्बाराम , प्रांन्त प्रचारक श्री विजयानन्द, सह प्रांन्त प्रचारक श्री मुरलीधर माननीय प्रांन्त संघ चालक जगदीश राणा, प्रांन्त कार्यवाह डॉ शंकर लाल सह प्रांन्त कार्यवाह श्री दीपक शुक्ल वरिष्ठ प्रचारक श्री मूलचन्द सोनी श्री उमा शंकर, श्रीकांत , श्री सुदामा आदि उपस्थित रहे।
By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!