तनाव मुक्त प्रशासन पर कार्यशाला
उदयपुर, 14 नवम्बर। अधिकारियों और कर्मचारियों को तनाव मुक्त रखते हुए उनकी कार्य क्षमता में वृद्धि के लिए जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने नवाचार किया। इसके तहत जिला प्रशासन और प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय, उदयपुर केंद्र के संयुक्त तत्वावधान में तनाव मुक्त प्रशासन विषय पर कार्यशाला गुरुवार को जिला परिषद सभागार में हुई।
कार्यशाला में ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय जयपुर जोन प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी पुनम दीदी ने तनाव प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि परमात्मा परम प्रशासक है, जो विश्व का संचालन करता है। इसी प्रकार अधिकारी भी प्रशासन व्यवस्था संभालते हैं। ईश्वर ने लोगों की सेवा करने और उनके दुःखों का समाधान करने का अवसर प्रदान किया है। समस्या सर्वत्र होती हैं, लेकिन समस्याओं की चिन्ता के बजाए समाधान पर चिन्तन होना चाहिए। अपने मनोबल को बढ़ाएं तो समस्याएं खेल लगने लगती हैं। उन्होंने ध्यान के माध्यम से अपनी आत्म शक्ति बढ़ाने पर जोर दिया। पूनम दीदी ने स्ट्रेस शब्द के प्रत्येक अक्षर की व्याख्या करते हुए तनाव प्रबंधन के गूर सिखाए। उन्होंने कहा कि लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का अवसर मिला है, उसका सदुपयोग करते हुए पुण्य अर्जित करें। लोगों की समस्याओं का निस्तारण करने से दुआएं और शुभकामनाएं मिलती हैं। इससे जीवन में स्वतः निखार जाता है। उन्होंने श्रीमद् भगवतगीता का उदाहरण देते हुए कहा कि निष्काम कर्म को ही श्रेष्ठ माना गया है। अच्छे कर्म ही आत्मा की संपत्ति हैं क्योंकि शरीर त्याग के बाद वही साथ आते हैं।
ध्यान ईश्वर से जुड़ने का माध्यम
कार्यशाला में ब्रह्मकुमारीज उदयपुर सेंटर प्रभारी ब्रह्मकुमारी रीटा दीदी ने ध्यान का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि ध्यान आत्मा के परमात्मा से जुड़ने का माध्यम है। ध्यान से मन की शांति मिलती है और शांति ही सभी समस्याओं के समाधान का मार्ग प्रशस्त करती है, निर्णय शक्ति बढाने में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि हर समस्या का सकारात्मक पहलू भी होता है। आवश्यकता सिर्फ उस पहलू को समझने की है। अंत में रीटा दीदी ने सभी संभागियों को ध्यान का अभ्यास कराया। कार्यशाला में पूनम दीदी ने जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल को स्मृति चिन्ह तथा प्रसाद भेंट किया। कार्यशाला में शामिल सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को भी प्रसाद वितरित किया गया। इस अवसर पर ब्रह्मकुमारीज केंद्र राजसमंद की पूनम दीदी, गोगुन्दा केंद्र की रश्मि दीदी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
दुःख और चुनौतियों में फर्क को समझाना चाहिए : जिला कलक्टर
कार्यशाला में जिला कलक्टर अरविन्द पोसवाल ने कहा कि प्रशासन में तनाव प्रबंधन का बड़ा महत्व है। स्वयं तनाव में रहेंगे तो उसका प्रभाव कार्य पर आएगा। अग्नि की लपटें तब तक ही ऊंची उठती है, जब तक उसे ईंधन मिलता रहता है। इसलिए स्वभाव से शांत और सौम्य रहना जरूरी है, जिससे किसी भी परिस्थिति में व्यक्तिगत रूप से तनाव हावी नहीं होता है। उन्होंने कहा कि कई लोग छोटी-छोटी बातों को लेकर परेशान रहते हैं, जैसे उनसे बड़ा दुःख किसी को नहीं है, लेकिन दुःख और चुनौतियों में फर्क को समझना होगा। दुःख वह है जिसका समाधान आपके हाथ में नहीं है, बाकी सब कुछ चुनौतियां हैं, जिनका समाधान स्वयं किया जा सकता है। उन्होंने कार्यशाला को बहुपयोगी बताते हुए भविष्य में भी कार्मिकों की क्षमता वर्द्धन के लिए ऐसे आयोजन किए जाने की बात कही।