राज्यों के वित्त मंत्रियों की प्री-बजट चर्चा बैठक ईआरसीपी राष्ट्रीय परियोजना घोषित हो
जयपुर, 25 नवम्बर। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री श्री शांति धारीवाल ने शुक्रवार को केन्द्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली के मानेकशा सभागार में आयोजित प्री-बजट चर्चा बैठक के दौरान राजस्थान का पक्ष जोरदार ढंग से रखते हुए कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाए तथा इसके लिए आगामी केन्द्रीय बजट मे विशेष केन्द्रीय सहायता के रूप में प्रावधान रखा जाए। उन्होंने कहा कि 37247 करोड़ अनुमानित लागत की पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना से राज्य के 13 जिलों की बड़ी आबादी को सिंचाई एवं पेयजल का लाभ मिलेगा।
जल जीवन मिशन पर राजस्थान कि मांग रखते हुए श्री धारीवाल ने कहा कि प्रदेश में छितरी आबादी एवं विशाल क्षेत्रफल के कारण पेयजल की प्रति कनेक्शन लागत अन्य राज्यों की अपेक्षा में काफी अधिक आती है इसलिए राज्य के सीमित आर्थिक संसाधनों के मद्देनजर जलजीवन मिशन में राजस्थान को विशेष राज्य का दर्जा देते हुए केन्द्र की हिस्सेदारी को बढ़ाकर 90 प्रतिशत किया जाए। इसके अतिरिक्त जल जीवन मिशन के अन्तर्गत सतही स्त्रेतों पर आधारित 26 परियोजनाएं जिनकी लागत 300 करोड़ रूपये प्रति परियोजना से अधिक है, जिन्हें पूर्ण होने में 3-4 वर्ष का समय लगेगा। अतः इस योजना की अवधि 31 मार्च 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक की जाये ।
कोटा एयरपोर्ट का जल्द निर्माण करावाया जाए-
श्री धारीवाल ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से अनुरोध किया कि कोटा 15 लाख जनसंख्या का शहर है जहां देश के विभिन्न हिस्सो से छात्र कोचिंग करने आते है। इसलिए कोटा में एयरपोर्ट का निर्माण कार्य केन्द्रीय बजट में शामिल किया जाए। उल्लेखनिय है कि कोटा एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार द्वारा जमीन उपलब्ध करवाई जा चुकी है।
पेंशन योजनाओं में केन्द्रीय हिस्सेदारी बढ़ाई जाए-
श्री धारीवाल ने कहा कि सामाजिक सुरक्षा के अन्तर्गत इन्द्रा गांधी वृद्धावस्था पेंशन योजना, दिव्यांग पेंशन योजना एवं विधवा पेशन योजना मे केन्दीय हिस्सेदारी को 200 रूपये से बढ़ाकर 500 रूपये किया जाए ताकी राज्य का आर्थिक भार कम किया जा सके।
नये आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति दी जाये-
नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री ने केन्द्रीय सरकार से मांग करते हुए कहा कि राज्य में जनसंख्या वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2010 से 2021 के अन्तराल में पंचायत समितियों की संख्या 248 से बढ़ाकर 352 तथा नगरीय निकायों की संख्या 184 से बढ़ाकर 213 की गयी है। इसलिए जनसंख्या वृद्धि के मद्देनजर लाभार्थियों की सुविधा की दृष्टि से कुल आंगनबाड़ी केन्द्रों की संख्या में 20 प्रतिशत वृद्धि की जाये और जनता की मांग के हिसाब से नये आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्वीकृति दी जाये।
लंबित रेल परियोजनाएं जल्द शुरू हो-
श्री धारीवाल ने बैठक में प्रदेश की महत्वपूर्ण लंबित रेल परियोजनाओं पर भी ध्यान आकृष्ट किया और कहा कि विशेष रेल परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की लागत राज्य द्वारा तथा समस्त परियोजना लागत केन्द्र द्वारा वहन की जानी चाहिए। इसी आधार पर रतलाम-डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा रेल लाइन परियोजना का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए। अजमेर से सवाई माधोपुर वाया टोंक रेल लाइन परियोजना का निर्माण कार्य शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध भी किया।
श्री धारीवाल ने कहा कि 15वें वित्त आयोग की राज्य विशिष्ट अनुदानों सम्बन्धी सिफारिशों पर की गई कार्यवाई रिपोर्ट को संसद में प्रस्तुत करते समय केंद्र सरकार ने कहा था कि केंद्र और राज्यों की वित्तीय स्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सिफारिशों पर उचित विचार किया जाएगा। उन्होंने आग्रह किया कि 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार राशि 2322 करोड़ रुपये के राज्य विशिष्ट अनुदानों को जारी करने पर विचार किया जाये।
उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग की पूरी अवधि के दौरान राजस्थान राज्य में लगातार राजस्व घाटे की स्थिति में बने रहने की संभावना है। अतः राजस्व घाटा अनुदान 15वें वित्त आयोग की शेष अवधि के लिए भी जारी रखा जाए। साथ ही, अनुरोध है कि वित्त वर्ष 2022-23 में केन्द्र सरकार द्वारा “Special assistance to state for capital investment” के अन्तर्गत समस्त राज्यों के लिए 1 लाख करोड़ रूपये का आवंटन किया गया है। उन्होंने अनुरोध किया कि इस योजना को आगामी वित्त वर्ष 2023-24 में भी जारी रखा जावे एवं राशि को बढाकर दोगुना अर्थात 2 लाख करोड़ रूपये किया जाए।
जीएसटी मुआवजे की राशि 3780.53 करोड़ रुपये जल्द जारी की जाए-
उन्होंने कहा कि जीएसटी से राजस्व प्राप्तियों में आधार वर्ष से अपेक्षित 14 प्रतिशत वार्षिक वृद्धि दर अभी तक प्राप्त नहीं हुई है। अतः वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजे की अवधि, जो जून 2022 तक थी, को 5 वर्ष (जून 2027 तक) के लिए बढ़ाया जाए। साथ ही, बकाया जीएसटी मुआवजे की राशि 3780.53 करोड़ रुपये भी एक बार में जल्द से जल्द जारी की जाए।
खनिजों की रायल्टी दरों में संशोधन किया जाए-
श्री धारीवाल ने कहा कि राज्य में प्रधान खनिजों की रॉयल्टी से प्राप्त राजस्व का राज्य के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है। एमएमडीआर अधिनियम के प्रावधानों अनुसार रॉयल्टी रिवीजन के अधिकार केन्द्र सरकार में है। वर्ष 2017 से इन दरों में रिविजन नहीं होने से राज्यों के राजस्व पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध है कि एमएमडीआर अधिनियम के तहत लम्बे समय से लंबित प्रधान खनिजों की रायल्टी दरों में संशोधन किया जाए।
बैठक के बाद श्री धारीवाल ने बताया कि केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने राजस्थान की उक्त सभी जायज मांगों पर गम्भीरता से विचार करके केन्द्रीय बजट में इसका ध्यान रखने का आश्वासन दिया है। बैठक मे सचिव वित्त (रेवेन्यू) श्री कृष्णकांत पाठक भी शामिल रहे।