प्रतापगढ़। जिला एवं सत्र न्यायाधीश महेन्द्र सिंह जी सिसोदिया ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय में हत्या के प्रयास के आरोपी सुरेश पुत्र रामलाल रैदास निवासी टाण्डा थाना अरनोद को आजीवन कारावास से दण्डित करते हुए 25 हजार रू. के अर्थदण्ड से दण्डित किया।
गत 17 मई 2020 को प्रार्थी नारूलाल रैदास निवासी टाण्डा थाना अरनोद ने बमुकाम राजकीय महाराणाा भूपाल चिकित्सालय उदयपुर में जुबानी ईतला इस आशय की लिखाई कि 16 मई 2020 को मैं मैरे घर पर था कि सोनू रैदास के पास महावीर बलाई ने फोन करके बताया कि सुरेश काका ने काकी सुगन बाई के गर्दन पर कुल्हाड़ी मार दी है। सुगना बाई जिन्दा है या मरी खेत में ही पड़ी है। इस पर मैं व सोनू खेत पर गये। मौके पर जाकर देखा तो सुगन बाई पत्नी सुरेश रैदास के दाई हाथ की भुजा व गर्दन के पीछे कान के पास, मुंह की ठोढ़ी के नीचे गहरा घाव होकर खून निकल रहा था। थोड़ी दूर पर कुल्हाड़ी पड़ी हुई होकर खून बिखर रहा था। सुगन बाई बेहोश हालत में पड़ी हुई थी। पास ही खेत में महावीर की पत्नी कचरी ने बताया कि सुगन बाई का पति सुरेश अभी रास्ते में भाग रहा था। उसके कपड़ों पर खून लगा हुआ था। फिर पिक-अप मंगा कर सुगन बाई को अरनोद होस्पीटल लाये जहां से गम्भीर हालत होने से उदयपुर रैफर कर दिया। सुरेश ने अपनी पत्नि पर चरित्र की शंका को लेकर यह घटना की है। पुलिस ने बाद अनुसंधान अभियुक्त सुरेश के विरूद्ध धारा 324,307,326 भादसं. में चार्जशीट कता कर न्यायालय में पेश की।
लोक अभियोजक ललित कुमार भावसार ने 12 गवाह पेश कर 24 दस्तावेज प्रदर्शित करवाये तथा कुल्हाड़ी व आहत की साड़ी पर एवं अभियुक्त की बनियान पर एफएसएल रिपोर्ट के मुताबिक एक ही ग्रुप का खून पाया गया एवं अभियुक्त ने अपनी ही पत्नी को जान से मारने की नियत से कुल्हाड़ी से वार कर हत्या प्रयास करने की ताईद होती है। माननीय न्यायालय ने माना कि अभियुक्त ने अपनी पत्नी पर चरित्र के शक को लेकर जान की मारने की नियत से धारदार कुल्हाड़़ी से जान से मारने की नियत से हत्या का प्रयास किया। ऐसे मुलजिम के प्रति सजा में नरमी का रूख अपनाना उचित प्रतीत नही होता है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के पश्चात माननीय न्यायालय ने अभियुक्त सुरेश को धारा 307 भादसं. में आजीवन कारावास से दण्डित करते हुए 25 हजार रूपये का अर्थदण्ड भी लगाया। राज्य पक्ष की ओर से लोक अभियोजक ललित कुमार भावसार ने पैरवी की।