विषय पर एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
क्रिप्टो करेंसी के प्रति युवाओं का बढ़ा रूझान – प्रो. भानावत
टेक्स को बचाने के लिए क्रिप्टो करेंसी की ओर रूख – प्रो. प्रताप सिंह
क्रिप्टो करेंसी में सावधानी के साथ करे निवेश – प्रो. सारंगदेवोत
उदयपुर 10 जून/ प्राचीन समय में देश का व्यापार विश्वास के साथ चलता था, जैसे जैसे व्यक्ति का व्यापार बढता गया, आम जन से उसका विश्वास उठता चला गया और वह हर व्यापार में एग्रीमेंट करने लगा, सरकार गारंटी देती है तो व्यापार बढता है। आज आम जन का बैंको से भी विश्वास उठ गया है, बैंक में जमा पूंजी पर बैंक सिर्फ पांच लाख रूपये तक की ही गारंटी देती है, ऐसा बडी कम्पनियों के साथ भी हो रहा है आज पूरे विश्व में 10 कम्पनियॉ व्यापार कर रही है और वो भी सिर्फ मध्यस्थता का काम कर रही है, ऐसी स्थिति में आमजन ने क्रिप्टो करेंसी की ओर रूख किया है , यह दिखाई तो नहीं देती है लेकिन महसूस की जा सकती है। उक्त विचार शुक्रवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विवि के संघटक प्रबंध अध्ययन संस्थान की ओर से क्रिप्टोकरेंसी विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में सुखाडिया विवि के वाणिज्य संकाय के विभागाध्यक्ष प्रो. शुरवीर सिंह भानावत ने बतौर मुख्य वक्ता कही। उन्होने कहा कि आज विश्व में एक ही नाम की कई कम्पनियॉ काम कर रही है, सही व गलत की पहचान नहीं की जा सकती। आज बैंक में जमा हमारा डेटा भी सुरक्षित नहीं है पूरे देश के बैंक एक सर्वर पर काम करता है हेकर्स सर्वर को अपने कब्जे में पूरे देश के बैंको को हेक कर सकता हैं, ऐसे में क्रिप्टो करेंसी की आवश्यकता महसूस की जाने लगी। इसके प्रति युवाओं का रूझान बढा है। आज पूरे देश में क्रिप्टो करेंसी के डेढ करोड़ युजर्स है।
मुख्य अतिथि श्रीगोविन्द्र गुरू विश्वविद्यालय गोधरा – गुजरात के कुलपति प्रो. प्रताप सिंह चौहान ने कहा कि वेतन भोगी व्यक्ति की इनकम के हिसाब से टेक्स दे रहा है लेकिन बिजनेस क्लास व्यक्ति सोचता है कि मैंने बडी ही मेहनत से अपना पैसा कमाया है और उसे टेक्स में क्यो दू, टेक्स को बचाने के लिए व्यक्ति क्रिप्टो करेंसी की ओर अपना रूख करता है और इसमें अपना पैसा जमा कराता है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि डिजिटल क्रांति के युग में खूब सहूलियते तो दी है लेकिल साथ ही जोखिम भी बढा है। थोडी भी असावधानी बडे नुकसान की वजह बन सकती है। क्रिप्टो करेंसी को विश्व के कई देशों ने अपने यहॉ मान्यता दे दी है लेकिन भारत सरकार ने जोखिम को देखते हुए अपना रूख स्पष्ट रूप नहीं रखा है, हो सकता है आने वाले बजट में इस ओर कोई प्रावधान हो। आज आमजन क्रिप्टो करेंसी के नाम पर धोखाधडी के शिकार हो रहे है। एफटीसी के अनुसार सोशल मिडिया पर हुए प्रत्येक 10 डॉलर के नुकसान में चार डॉलर क्रिप्टो में डूबे है। उन्होने आमजन से अपील की वे इसमें पुरी सावधानी के साथ निवेश करें।
प्रारंभ में निदेशक प्रो. अनिता शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत करते हुए सेमिनार की जानकारी दी।
सेमिनार में सुखाडिया विवि के प्रबंध अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. हनुमान प्रसाद, डॉ. हीना खान, डॉ. नीरू राठौड, डॉ. शिल्पा कंठालिया ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
सेमीनार में संस्थान द्वारा प्रकाशत पत्रिका निर्णय का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। संचालन हिमांशी बोहरा, आदित्य सिंह ने किया जबकि आभार डॉ. हीना खान ने दिया।
समारेाह में कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत के कुलपति के पद पर 10 वर्ष पूरे करने पर संस्थान की ओर से माला, उपरणा एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया।
सेमीनार में विद्यापीठ के डीन, डायरेक्टर, विद्यार्थी एवं पीएचडी स्कोलर्स ने भाग लिया।