चित्तौड़गढ़, 3 नवम्बर। बेगूं क्षैत्र में कृषि आदान विक्रेताओं की प्राप्त शिकायत की जाँच हेतु कृषि विभाग की टीम जिसमें सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) बेगूं संतोष कुमार तंवर, कृषि अधिकारी (पौ.सं.) डॉ. एस. आर. हरिकेश, सहायक कृषि अधिकारी बेगूं हंसराज धाकड़, कृषि पर्यवेक्षक काटुन्दा सोनू कुमार मीणा द्वारा बेगूं एवं रायती स्थित कृषि आदान विक्रेताओं का आकस्मिक निरीक्षण किया गया।
मैसर्स जय भैरूनाथ खाद बीज भण्डार, रायती के वहाँ पर स्टॉक रजिस्टर, बिल बुक नहीं थी, मूल्य सूची एंव स्टॉक प्रदर्शित नहीं किया हुआ था। उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धाराओं 4, 5, 3 ¼2½¼1½ और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7 ¼i)(a)¼ii½ का उल्लंघन किया गया।
मेसर्स गट्याणी खाद बीज भण्डार एवं कृष्णा खाद बीज भण्डार बेगूं का वक्त निरीक्षण दौरान यूरिया उर्वरक अधिक दर के साथ क्रमशः सल्फर एवं मेटसल्फुरान का टैंगिग किया जा रहा था। उक्त फार्मों द्वारा उर्वरक अनुज्ञा पत्र प्रदर्शित नहीं किये हुए थे एवं उर्वरक विक्रय स्थल पर उर्वरक अनुज्ञा पत्र प्रदर्शित नहीं किया हुआ था। जो कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 की धाराओं 3 (3), 4, 3 (2)(C), 3¼2½¼d½ और आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 7 ¼i)(a)¼ii½ का उल्लंघन किया गया।
सहायक निदेशक कृषि (विस्तार) बेगूं संतोष कुमार तंवर के द्वारा उक्त फर्मो के उर्वरक प्राधिकार पत्रो को निलम्बन करने की अनुशषा के आधार पर डॉ. शंकर लाल जाट, अधिसूचित प्राधिकारी एवं उप निदेशक कृषि (विस्तार), जिला परिषद् चित्तौड़गढ़ द्वारा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के तहत प्राप्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उक्त फर्मो के उर्वरक प्राधिकार पत्र को दिनांक 3.11.2022 से अग्रिम आदेशों तक निलम्बित किया गया।