उदयपुर, 21 अप्रैल। नृत्योमी स्कूल ऑफ ओड़िसी की ओर से शुक्रवार को डीपीएस रोड स्थित एक गार्डन में ओड़िसी नृत्य निशा का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम से पहले कलाकारों ने भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना की और भगवान को पुष्प अर्पित किए। कार्यक्रम की शुरुआत मंगलाचरण गणेश वंदना से की गई। इसके बाद पल्लवी राग किरवानी त्रिपुरा ताल पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति गई। इसकी रचना पद्मभूषण गुरु केलुचरण महापात्रा ने की। पल्लवी जीन ज्योति एक ताल पर आधारित नृत्य की प्रस्तुति की गई इसकी रचना गुरु झेलम परांजपे ने की। ओड़िसी अभिनय में गजेंद्र मोक्ष, द्रोपदी चीरहरण, हिरण्यकश्यप वध का चित्रण किया गया। जिसकी रचना ओडिया धार्मिक कवि सालबेगा ने की।
करीब एक घंटे तक हुई कलाकारों की मनोहारी प्रस्तुतियों ने मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।कार्यक्रम का संचालन श्रद्धा मुर्डिया ने किया। बलांगीर लोकसभा सांसद संगीता कुमारी सिंह, देव,कनक वर्धन सिंह देव, मेवाड़ पूर्व राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, निवृत्ति कुमारी मेवाड़, नित्या सिंघल आदि मौजूद थे।
शास्त्रीय कलाओं को सम्बल देने का उदात्त प्रयास
कार्यक्रम संयोजिका श्रद्धा मुर्डिया ने बताया कि इस ओडिसी परफॉर्मेंस की अवधारणा एवं नृत्य निर्देशन कृष्णेन्दु साहा द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम लेकसिटी में शास्त्रीय कला एवं कलाकारों को प्रोत्साहित करने का एक उदात्त प्रयास है। इस प्रकार के कार्यक्रमों से जहां शास्त्रीय कलाओं को संबल मिलता है वहीं इनकी प्रस्तुतियों के माध्यम से कला प्रेमियों को आत्मतोष की अनुभूति होती है।
विरासत को सहेजना जरूरी
नृत्य निर्देशक कृष्णेन्दु साहा ने कहा कि कला हमारी संस्कृति एवं सभ्यता का एक अनुपम पहलू है और हमें इस विरासत को सहेजने के लिए ऐसे बेहतरीन प्रयास करते रहना होगा।
इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति
कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुति 10 कलाकारों ने दी। जिनमें गुरु कृष्णेन्दु साहा, देवयानी, सृष्टि पाण्डेय, आरोही मुर्डिया,विदिशा, मोहलक्षिका कुमारी मेवाड़, विहा, केतकी, शिविका माथुर,जेफ्री प्लेंक ने मनमोहक प्रस्तुतियां दी।