आत्म निर्भर भारत की ओर अग्रसर हुआ – प्रो. सारंगदेवोत

कोविड 19 का भारतीय अर्थ व्यवस्था पर प्रभाव
विषय एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
कोविड 19 के बाद आईटी सेक्टर में रोजगार के अवसर बढ़े – प्रो. भाणावत
कोविड19 में बच्चों की शिक्षा हुई प्रभावित – श्याम एस. सिंघवी
समाज दो तबकों में विभक्त हुआ ……..

उदयपुर / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डिम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक माणिक्यलाल वर्मा श्रमजीवी कन्या महाविद्यालय की ओर से मंगलवार को प्रतापनगर स्थित आईटी सभागार में ‘‘ कोविड 19 का भारतीय अर्थ व्यवस्था पर प्रभाव ’’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता सुखाडिया विवि के वाणिज्य संकाय के प्रो. शूरवीर सिंह भाणावत ने कहा कि कोविड 19 का भारत ही नहीं पूरे विश्व की अर्थ व्यवस्था पर बुरा प्रभाव पड़ा है जिससे पूरी अर्थ व्यवस्था ही चरमरा गई थी जिसके बाद समाज, कारपोरेट सेक्टर व वेतन में विषमताएॅ आई। जिसका सीधा असर होटल, आईटी, ओटोमोबाईल सेक्टर में अधिक पड़ा। कोविड 19 का सबसे ज्यादा असर मध्य व निचले स्तर के परिवारों पर पड़ा जिससे उनका रोजगार के साधन बंद हो गये जिससे समाज में विषमताएॅ पैदा हो गई। दूसरी तरह कॉरपोरेट क्षेत्र में भारी उछाल आया और उनके कार्यरत सीओ के वेतन में 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।  सम्पन्न परिवार पर इसका कोई असर नहीं हुआ। उन्होने कहा कि कोविड के बाद 12 प्रतिशत लॉन में वृद्धि हुई, 112 प्रतिशत गोल्ड लॉन बढ़ा। क्रेडिट कार्ड के युजर 10 हजार करोड़ से बढकर एक लाख पन्द्रह हजार छः सौ इगतालिस करोड़ हो गया। सबसे अच्छी बात यह रही कि 2020-21 में मनरेगा में 11 करोड़ लोगो को काम मिला , पहली बार 68 लाख परिवारों को 100 दिन का रोजगार मिला। कोविड के बाद चावल, गेहू और मोटे अनाज का एक्सपोर्ट बढा।
विशिष्ठ अतिथि देवी अहिल्या देवी विवि इन्दौर के पूर्व प्रो. गणेश कावडिया ने कहा कि कोविड 19 ने विश्व की अर्थ व्यवस्था को झकझोर दिया। समाज में आई विषमता पर काम करने की जरूरत है। पूरे देश में आर्थिक विकास, आर्थिक असमानता विकसित हुई। भारत में सबसे ज्यादा जनहानि हुई इसका मुख्य कारण जनसंख्यॉ का घनत्व अधिक होना। कोविड 19 से देश में हेल्थ की कमियॉ उजागर हुई, देश में दवाईयॉ, डाक्टर, पीपी कीट, दवाईयॉ जैसी अन्य मेडिकल सम्बंधी सामानों की कमियों से जुझना पडा और विदेशों से आयात करना पड़ा लेकिन इसमें भी सबसे अच्छी बात यह रही कि विकासशील देशों की तुलना में भारत में पूरी मजबुती एवं एकजुटता के साथ इसका मुकाबला किया और इस पर काबू पाया।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि कोविड 19 महामारी ने भारतीय अर्थ व्यवस्था को बहुत अधिक प्रभावित किया जिससे लोगो का रोजगार व व्यवसाय प्रभावित हुआ। कोविड के कारण मांग में गिरावट, आपूर्ति का बाधित होना, किमतो में गिरावट, करो व निवेश आदि पर प्रभाव पड़ा। उन्होने कहा कि प्राकृतिक आपदा को कन्ट्रोल करना नामुमकिन था देश इसके लिए तैयार नहीं था। दूसरे देशों में चौथी व पाचवी लहर आ रही है लेकिन भारत ने तीसरें दौर में ही विजय प्राप्त कर इस पर अंकुश लगाया। कोविड के बाद संयुक्त परिवार की परम्परा को महसूस किया गया। भारत ने कोविड 19 से सबक सीखा को आत्म निर्भर भारत की ओर अपने कदम बढाये और देश में बनने वाली वस्तुओं का अधिक से अधिक उत्पाद व उपयोग होने लगा। कोविड के दौरान हमने वस्तुओं का आयात किया वही दूसरी ओर अब सभी उत्पादो का एक्सपोर्ट कर रहे है।
समारोह सत्र के मुख्य वक्ता वरिष्ठ सीए श्याम एस. सिंघवी ने कहा कि देश ने पूर्व में भी कई महामारियों का सामना किया है लेकिन कोविड 19 महामारी ने मानव जीवन को ही अस्त व्यस्त कर दिया और इसका सबसे अधिक प्रभाव बच्चों की शिक्षा पर पड़ा। बच्चों को दो साल तक घर बैठ ऑन पढाई करनी पडी। अभी कोविड के प्रभाव देखने केा मिल रहे है।

संगोष्ठी को प्रो. सुमन पामेचा, रजिस्ट्रार डॉ. हेमशंकर दाधीच, प्रो. एन.के. दशोरा, प्राचार्य डॉ. अपर्णा श्रीवास्तव, डॉ. सीमा धाबाई ने कोविड 19 के प्रभाव पर अपने विचार व्यक्त किए।
संचालन डॉ. कैलाश आमेटा ने किया जबकि आभार डॉ. रेखा कुमावत ने किया।
समारोह मे परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, प्रो. अनिता शुक्ला, डॉ. अमिया गोस्वामी, डॉ. लाला राम जाट, डॉ. तरूण श्रीमाली, डॉ. नवल सिंह, डॉ. शाहिद कुरैशी डॉ. जयसिंह जोधा, राकेश दशोरा डॉ. सीता गुर्जर, जितेेन्द्र सिंह चौहान, डॉ. दिनेश श्रीमाली, विजय लक्ष्मी सोनी, डॉ. निति पालीवाल, अलका श्रीवास्तव, जगदीश सालवी सहित संकाय सदस्य व स्कोलर उपस्थित थे।

By Udaipurviews

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Related Posts

error: Content is protected !!