अधिकारियों ने आनन फानन में निगम का दायरा बढ़ाया, अब आपत्तियों की भरमार

– पेराफेरी के जनप्रतिनिधि पहुंचे निगम बोले आंखे मुंद के बना दिए बेतरतीब वार्ड
 -हंगामा देख अब नए सिरे से वार्ड पुनर्गठन में जुटे अधिकारी

-राजेश वर्मा
उदयपुर, 1 फरवरी। नगर निगम विस्तार कर 70 से बढाकर बनाए गए 80 वार्ड में शामिल पेराफेरी पंचायतों से भारी आपत्तियां सामने आई है। निगम ने गिर्वा और बडगांव के जिन 19 पंचायतों को निगम दायरे में लेकर नए 10 वार्ड का गठन किया। उसकी भौगोलिक संरचना में किसी वार्ड को 20 किलोमीटर लम्बा कर दिया तो किसी को 15 किमी। नए परिसिमन पर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा समेत इन पंचायत क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने असंतोष जताते हुए शनिवार को निगम पहुंच आपत्तियां दी। ऐसे में अब नए सिरे से आपत्तियों की सुनवाई कर वार्ड के नक्शे में संशोधन करना होगा।

नगर निगम को दायरा बढाकर निगम प्रशासन ने जो 10 नए वार्ड बनाए उसमें भारी खामियां उजागर हुई है। निगम आयुक्त द्वारा नए निगम का नक्शा जारी कर 9 फरवरी तक आपत्तियां मांगी गई जिस पर दूसरे ही दिन भाजपा शहर जिलाध्यक्ष गजपालसिंह राठौड, ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, उपमहापौर पारस सिंघवी पूर्व गिर्वा प्रधान तखतसिंह शक्तावत, मंडल अध्यक्ष प्रताप सिंह, देबारी उप सरपंच चंदन सिंह देवड़ा, महेश व्यास, भुवाणा सरपंच मोहन डांगी, भुवाणा उपसरपंच भूपेंद्र श्रीमाली, शंकर गमेती, प्रेम सिंह, गोविंद रेबारी लोकेश गौड़, देवीलाल सालवी समेत तमाम पेराफेरी पंचायतों के जनप्रतिनिधि और जागरूक  नागरिक निगम पहुंचे और मौजूदा परिसिमित और पुर्नगठन पर आपत्तियां जताई। सवाल खडे किए गए कि निगम अधिकारियों ने बिना रायमशवरा किए वार्ड बना दिए जिसमें नए वार्ड की भौगोलिक स्थिति में भारी खामियां है। इनमें सुधार करना होगा। जनप्रतिनिधयों ने निगम अधिकारियों को लिखित आपत्तियां देते हुए बताया कि जो वार्ड 3 बनाया गया उसके एक छोर से दूसरे छोर की दूरी 20 किलोमीटर है जो संभव नही। ऐसे ही नाकोडा नगर, बेडवास, रेबारियों के गुडा को लेकर जो वार्ड बने उसका भी ठीक से गठन नहीं किया गया। तितरडी क्षेत्र का वार्ड भी काफी बडा कर दिया गया। ग्रामीण विधायक मीणा ने कहा कि तमाम जनप्रतिनिधयों की मांग है कि नए सिरे से वार्र्डों का पुर्नगठन किया जाए जिससे भविष्य में जनता को दुविधा नहीं हो।

निगम सभागार में परिसिमन के वार्ड नक्शों को लेकर कई सवाल उठे जिस पर अब इस बात पर ध्यान दिया जाएगा कि पुराने निगम क्षेत्र में जो वार्ड छोटे है उनको मर्ज करके बाहर जो नए इलाके जुडे और जिनका क्षेत्र बडा हो रहा है उन्हे छोटा कर वार्ड बढाए जाएं लेकिन वार्ड 80 से ज्यादा नहीं होंगे। बता दें कि जनसंख्या के मुताबिक निगम में 10 नए वार्ड ही बढ सकते है। ऐसे में पुराने वार्ड में बिना छेडछाड किए बाहरी क्षेत्र में जो वार्ड बन रहे है वे काफी बडे कर दिए। उसी पर आपत्तियां आई है। ऐसे में अब नए सिरे से काम करना होगा।

अफसरों के जवाब समय कम दिया : जनप्रतिनिधियों का हंगामा देख निगम अधिकारी सिराज खान ने कहा कि पांच दिन में वार्ड बनाने का टारगेट था। इससे उन्हें समय कम मिला। अब आपत्तियों के बाद नए सिरे से जनप्रतिनिधियो की मौजूदगी में भौगोलिक संरचना को ध्यान में रखकर वार्ड सीमा तय की जाएगी।

By Udaipurviews

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