उदयपुर, 21 जून। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ललित कला अकादमी ,दिल्ली द्वारा योग मुद्रा पर आयोजित दो दिवसीय कला शिविर में देश के आमंत्रित 15 कलाकारों में उदयपुर की समकालीन चित्रकार भावना वशिष्ठ ने भी 3 गुणा 4 फीट के कैनवास पर चित्र निर्माण पूर्ण किया।
आजादी के अमृत महोत्सव पर राष्ट्रीय ललित कला अकादमी दिल्ली द्वारा संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के माध्यम से नई दिल्ली में पुराना किला में योग शिविर के पश्चात योग मुद्रा पर आयोजित दो दिवसीय कला शिविर का समापन आमंत्रित कलाकारों को सम्मानित करने साथ संपन्न हुआ। साथ ही सात दिवसीय योग यंत्र, तंत्र और मंत्र पर कला प्रदर्शनी का उद्घाटन अकादमी सचिव रामकृष्ण वेदाला, संयुक्त सचिव विक्रम मेहरा एवं कार्यक्रम अधिकारी हिमांशु डबराल एवं आमंत्रित कलाकारों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। प्रदर्शनी में आमंत्रित 15 प्रमुख कलाकारों के साथ अकादमी में संग्रहित कलाकारों की कलाकृतियों को सम्मिलित कर लगभग 50 समकालीन कलाकारों के चित्रों को प्रदर्शित किया गया है।
उदयपुर की समकालीन कलाकार भावना वशिष्ठ द्वारा योग एवं प्रकृति विषय पर कलाकृति निर्मित की गई है, जिसमें योग की प्रेरणा से प्रकृति संग जीवन सोंदर्य के उत्थान को दर्शाने का प्रयास किया है। चित्रकार भावना ने अपने चित्र निर्माण के सन्दर्भ में बताया कि प्रकृति की निर्मिति पांच तत्वों पृथ्वी, जल, नभ, वायु एवं अग्नि से हुई है, और इन्ही पांच तत्वों से शरीर की भी निर्मिति हुई है , योग एवं प्राणायाम के द्वारा प्रकृति एवं शरीर के तत्वों का एकाकार होने से प्रकृति की ऊर्जा का हमारे जीवन में संचार होता है,। जिसके फलस्वरूप हम प्रकृति से प्रेरित हो कर शांत स्वस्थ और ऊर्जावान महसूस करते हैं। अतः इन्हीं पांच तत्वों के साथ योग मुद्रा से प्रकृति एवं शरीर के एकाकार को चित्र में चित्रित करने का प्रयास किया है। योग यंत्र तंत्र और मंत्र पर प्रदर्शनी पुराना किला, नई दिल्ली में 27 जून तक कलाप्रेमियों एवं दर्शकों हेतु खुली रहेगी।