उदयपुर 24 अगस्त। षष्टम वित्त आयोग की पंचायती राज संस्थाओं के साथ संभाग स्तरीय बैठक का आयोजन बुधवार को नगर निगम सभागार में हुआ। इस विशेष बैठक में षष्टम वित्त आयोग के सदस्य व मगरा बोर्ड अध्यक्ष डॉ. लक्ष्मण सिंह रावत व आयोग सदस्य व सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने संभाग के समस्त जिलों के जिला कलेक्टर्स, जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, जिला प्रमुखों, प्रधानों और पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों से संवाद किया। इस दौरान एसएफसी फंड से पंचायती राज संस्थाओं के अपेक्षाओं एवं पंचायती राज महकमे को बेहतर करने को लेकर सुझाव लिए गए।
जिला कलेक्टर्स ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव:
उदयपुर जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने पंचायती राज संस्थाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने पर जोर दिया। इसके अलावा इको टूरिज्म, फंड एलोकेशन, माइनिंग एरिया में ग्राम पंचायतों को सुदृढ़ करने, ग्रामीण क्षेत्रों में कन्वर्जन के फंड की प्रॉपर रेवेन्यू एलोकेशन आदि पर अपने सुझाव व्यक्त किए। जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा के सुझाव पर आयोग के सदस्यों ने भी प्रशंसा की।
इसी प्रकार से चित्तौड़गढ़ जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने जियो टैगिंग, चारागाह भूमि विकास, चरागाहों पर चौकीदार की नियुक्ति एवं चौकीदार हट के निर्माण पर बल दिया। प्रतापगढ़ जिला कलेक्टर सौरभ स्वामी ने पिछड़े आदिवासी क्षेत्र पीपलखूंट में विकास की संभावनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। ऐसे ही डूंगरपुर कलक्टर इंद्रजीत यादव, बांसवाड़ा कलक्टर प्रकाश चंद्र शर्मा, और राजसमंद जिला कलेक्टर नीलाभ सक्सेना ने भी अपने अपने सुझाव दिए।
उदयपुर में हुआ खेल मैदानों का विकास:
जिला परिषद उदयपुर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मयंक मनीष ने जिले में खेल मैदानों को विकसित करने को लेकर हुए उल्लेखनीय कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 108 खेल मैदानों की स्वीकृति जारी की जा चुकी है। इसके साथ उन्होंने कुपोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि क्षेत्र में कार्य करने की व्यापक संभावनाओं की भी जानकारी दी। इसी के साथ पोषण वाटिका और स्कूलों में स्मार्ट क्लास आदि पर भी अपने सुझाव व्यक्त किए। बांसवाड़ा जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेश बुनकर ने पंचायतों द्वारा उपलब्ध बजट को समय से खर्च करने का सुझाव दिया जिससे कि बजट का समय का सदुपयोग हो सके। इसी प्रकार से संभाग के समस्त पंचायत समितियों के प्रधान भी बैठक में मौजूद रहे। प्रधानों ने कार्यों को संपन्न करने में नियमों में सुधार की अपेक्षाएं, विभिन्न मदों में फंड की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही अपने इलाकों के उल्लेखनीय विकास कार्यों पर प्रकाश डाला। पंचायत समितियों के प्रधानों ने अपनी अपनी पंचायत समितियों की प्रमुख समस्याओं से अवगत कराया एवं कार्यों की स्वीकृति हेतु सुझाव दिए।
पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण पर होगा कार्य:
बैठक दौरान आयोग सदस्य डॉ. लक्ष्मण सिंह ने एसएफसी की राशि के सदुपयोग पर जोर दिया और बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों की संभावित समस्याओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भविष्य में ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छता को लेकर प्रभावी तौर पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि वित्त आयोग द्वारा पंचायती राज संस्थाओं के सुदृढ़ीकरण हेतु निरंतर एवं सफलतापूर्वक कार्य किया जाएगा। आयोग सदस्य अशोक लाहोटी ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के बीच 4500 करोड़ रुपए विकास कार्य हेतु जारी किए गए हैं। इस राशि का उपयोग सुनिश्चित करना हम सभी के लिए आवश्यक है।
बैठक के अंत में जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों का आभार व्यक्त किया।