विश्व, भारत को आर्थिक विकास के इंजन के रूप में देखता है : पीयूष गोयल

विकसित देश अब भारत के साथ व्यापार समझौते करने के लिए उत्सुक हैं; 2014 से पहले उन्हें संदेह होता था : गोयल
आज भारत को दुनिया का विश्वास हासिल होने पर जोर देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि विकसित देश अब भारत के साथ व्यापारिक समझौते करने के लिए खासे उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले, भारतीय अर्थव्यवस्था को कमजोर समझा जाता था और निवेशकों के कारोबार करने के उद्देश्य से भारत आने को लेकर संदेह रहता था।

पारदर्शिता और कारोबारी सुगमता पर जोर देते हुए केंद्रीय मंत्री ने व्यापारियों और उद्यमियों को भरोसा दिलाया कि सरकार उन व्यापारियों को पूरा समर्थन देगी, जिन्होंने किसी प्राधिकरण द्वारा उत्पीड़न किए जाने के खिलाफ आवाज उठाई है।

उन्होंने व्यापारियों से लोगों और व्यवसायों पर अनुपालन के बोझ को कम करने के लिए सरकार के साथ काम करने का अनुरोध किया। साथ ही कहा कि उन्हें व्यापार की उपयुक्त प्रक्रियाओं का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कारोबारी सुगमता में सुधार के लिए अनावश्यक, बोझिल और हतोत्साहित करने वाले कानूनों एवं नियमों को खत्म किया जाना चाहिए।

उन्होंने व्यापारियों से भारत द्वारा पेशकश की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता को प्राथमिकता देने के लिए कहा। उन्होंने युवाओं को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने और नए विचारों के साथ भारत की विकास की गाथा को नई ऊर्जा देने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा किए गए ‘वोकल फॉर लोकल’ के आह्वान को देश के युवाओं को अवश्य आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें अधिक से अधिक महिलाओं को व्यापारी और उद्यमी बनने के लिए भी प्रोत्साहित करना चाहिए।

प्रधानमंत्री की दूरदर्शी कल्याणकारी नीतियों की सराहना करते हुए, गोयल ने कहा कि इन नीतियों से गरीबों को ग्राहकों के रूप में उभरने में सहायता मिल रही है और इससे भारत की जनसंख्या सफलतापूर्वक उसकी एक बड़ी ताकत के रूप में परिवर्तित हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के अथक परिश्रम से देश के हर घर में रसोई गैस, पेयजल, बिजली और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित हुई है और हर गांव में इंटरनेट की पहुंच हो गई है। गोयल ने कहा कि सरकार की नीतियों ने भी प्रत्येक भारतीय को महत्वाकांक्षी होने का साहस और उद्यमी बनने की आकांक्षा का आत्मविश्वास दिया है।

केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि व्यापारियों तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को प्रधानमंत्री की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की तरफ से हो रही वस्तुओं की मांग से लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने बड़े और छोटे सभी व्यापारियों, उद्यमियों और व्यवसायों से एक साथ काम करने का सामूहिक संकल्प लेने के लिए कहा, ताकि अधिक से अधिक भारतीय उत्पादों को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत के सपने को आगे बढ़ाया जा सके।

By Udaipurviews

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