विद्यापीठ – आईसीएआर का दो दिवसीय निरीक्षण दल का दौरा सम्पन्न

आईसीएआर के मापदंडों पर खरा उतरी विद्यापीठ
एक्जिट मिटिंग में टीम सदस्यों ने संस्थान की, कि तरीफ
टीम सदस्यों ने ग्रामीणों से की बातचीत

उदयपुर 12 सितम्बर / जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय के संघटक स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल साइन्सेज का भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के चार सदस्यीय टीम का दो दिवसीय सघन निरीक्षण के अंतिम दिन दल के अध्यक्ष तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. के. रामासामी, वसंतराव नाईक मराठवाडा कृषि विद्यापीठ परभनी के कुलपति डॉ. इन्दमणि मिश्रा, युनिवर्सिटी ऑफ बेंगलूरू के पूर्व शोध निदेशक डॉ. एम.ए. शंकर , आईसीएआर की ओर से डॉ. के.पी. त्रिपाठी ने विद्यार्थी एवं ग्रामीण हितधारियों से बातचीत की। विद्यार्थियों को नवाचार पर अधिक फोकस करने की बात कही। किसान किस तरह ओर अधिक उन्नत पैदावार ले सके, पर भी चर्चा की। कुलपति प्रो. सारंगदेवोत ने बताया कि निरीक्षण के दौरान टीम सदस्यों ने संस्थान द्वारा चलाये जा रहे पाठ्यक्रमों, अध्यापन, प्रयोगशालाएॅ, कृषि अध्ययन हेतु खेत, संग्रहालय, फिशपोंड, शिक्षा में आईसीटी तकनीक का प्रयोग, भूमि, अन्य संस्थाओं से एमओयू, लेखा कार्य की आॅिडट आदि की गहनता से जांच की गई जिस पर टीम सदस्योें ने न केवल तारीफ की बल्कि इस पर अपनी सहमति की मुहर भी लगाई। टीम सदस्यों ने प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय ने आईसीएआर को निरीक्षण के लिए आमंत्रित करने से पूर्व ही यूजीसी से अनुमोदन ले लिया है जो स्वयं में गुणवत्ता का सूचत है।
एक्जिट मीटींग में अध्यक्ष डॉ. रामासामी ने अकादमिक, प्रशासनिक व कृषि सम्बंधी कई नवीन तकनीक की जानकारी दी। उन्होने कृषि शिक्षा में प्रायोगिक कार्यो पर जोर देते हुए कहा कि अधिकतर संस्थानों में सभी विभाग वांछित प्रायोगिक कार्य नहीं करवा पाते , लेकिन विद्यापीठ के कृषि महाविद्यालय में सभी विभागों के प्रयोगिक कार्यो की उत्तम गुणवत्ता देखकर प्रशन्नता व्यक्त की। रामासामी ने कहा कि विधार्थियों से बातचीत करने पर यह ज्ञान हुआ कि संस्थान के शिक्षक समर्पित भावना के साथ अपना कार्य कर रहे है। शोध कार्यो की प्रशंसा करते हुए टीम के सदस्यों ने बताया कि जिस प्रकार इस संस्थान के विधार्थी वैज्ञानिक कृषि पद्धति को समझ रहे है यह अपने आप में एक उत्कृष्ट उदाहरण है। विद्यापीठ अपने स्थापना काल से ही ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के प्रति कृत संकल्प है, कृषि विभाग का इसके सामुदायिक केन्द्रों से जुड़ा होना विधार्थियों के लिए अविस्मरणीय अनुभव रहेगा, यह अनुभव विशिष्ठ व अभूतपूर्व भी है क्योकि ग्रामीण किसान, ग्रामीण महिलाए और युवा सभी इस कार्य में सम्मिलित है। अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों के लिए यह प्रेरणास्पद भी है। सदस्यों ने संस्थान के म्युजियम, बिल्डिंग, स्मार्ट क्लास रूम, लेग्वेज लेब, आउटलेट व अन्य प्रयोगशालाओं की जमकर तारीफ की।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!