भू-स्थानिक तकनीकों पर राष्ट्रीय प्रशिक्षण का समापन आज

6 राज्यों के 20 संभागियों ने जीआईएस व जीपीएस तकनीकों पर किया गहन मंथन
उदयपुर, 25 जून। मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के तत्वावधान में भू-स्थानिक तकनीकों पर 21 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन रविवार को होगा।
कार्यक्रम की संयोजिका एवं भूगोल विभाग की अध्यक्षा प्रो. सीमा जालान ने बताया कि सरकारी तकनीकी कर्मचारियों एवं शिक्षकों को प्रशिक्षित कर जमीनी स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों के बेहतर प्रबंधन, नियोजन एवं विकास हेतु भूस्थानिक तकनीकों के प्रयोग को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विभाग द्वारा तीसरी बार आयोजित की गई इस कार्यशाला में भारत के 6 राज्यों से 20 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें शिक्षक, वैज्ञानिक एवं राज्य के वन विभाग के नामित कर्मचारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि समापन समारोह में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग में राष्ट्रीय भूस्थानिक कार्यक्रम विभाग के अध्यक्ष डॉ. पी.एस. आचार्य एवं राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केन्द्र हैदराबाद में ग्रामीण विकास एवं जलग्रहण निगरानी विभाग के समूह निदेशक डॉ. के. मृथ्युंजय रेड्डी शिरकत करेंगे।
जीआईएस और जीपीएस तकनीकों का दिया प्रशिक्षण
प्रो. जालान ने बताया कि सुदूर संवेदन, भौगोलिक सूचना तंत्र (जी.आई.एस.), जी.पी.एस. तकनीकी एवं उनके विभिन्न अनुप्रयोगों पर गहन प्रशिक्षण दिया गया। इसके साथ ही इन तकनीकों का उपयोग कर ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर्स क्वान्टम जी.आई.एस. एवं सागा में विश्लेषण करना भी सिखाया गया। भू-स्थानिक तकनीक के क्षेत्र में देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से पहुंचे ख्यातनाम भू-स्थानिक विशेषज्ञों द्वारा शिविर में प्रशिक्षण दिया गया।
इनमें भारत के पूर्व सर्वेयर जनरल एवं राष्ट्रीय एटलस एवं विषयक मानचित्रण संस्थान ;नाट्मोद्ध के पूर्व निदेशक डॉ. पृथ्वीश नाग द्वारा भारत की नई जियोस्पेशियल पॉलिसी व पोषणीय विकास हेतु भू स्थानिक प्रौद्योगिकी के प्रयोग, इसरो के पश्चिमी केन्द्र जोधपुर के महाप्रबन्धक डॉ. ए.के. बैरा का भू-स्थानिक तकनीक के विभिन्न अनुप्रयोग, इसरो के देहरादून स्थित भारतीय सुदूर संवेदन केन्द्र के फोटोग्रामिती एवं सुदूर संवेदन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार का सैटेलाइट इमेज वर्गीकरण, जियो इन्फार्मेटिक्स विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. समीर सरन द्वारा स्वास्थ्य प्रबंधन, फॉरेस्ट्री एवं इकॉलोजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. हितेन्द्र पडालिया द्वारा वन प्रबंधन, भोपाल स्थित मध्य प्रदेश स्टेट इंजीनियरिंग डेटा सेंटर के फोटोग्रामेट्री विभाग के प्रबंधक अनूप कुमार पटेल का ड्रोन मैपिंग एवं जी-गवरनेन्स हेतु एवं स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद के वेदास अनुसंधान समूह के निदेशक का कृषि अनुप्रयोगों हेतु वेदास वेब जियो पोर्टल के उपयोग पर व्याख्यान प्रमुख रहे।
जोधपुर पश्चिमी केन्द्र के हेड एप्लीकेशन डॉ.डी.गिरीबाबू द्वारा भारत में सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में भू-स्थानिक तकनीक के प्रयोग पर प्रशिक्षण दिया गया। ट्रिम्बल ग्रुप के प्रतिनिधियों द्वारा जी.पी.एस. एवं गूगल के प्रतिनिधि उज्ज्वल गांधी द्वारा गूगल अर्थ इंजन पर कार्यशाला भी आयोजित की गयी।

By Udaipurviews

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