उदयपुर, 29 नवंबर। जिला कलक्टर ताराचंद मीणा के मार्गदर्शन में संचालित भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर अभियान के तहत फतहसागर की पाल, विभिन्न प्रमुख चौराहों एवं पर्यटन स्थलों पर टीम बनाकर समझाइश एवं रेस्क्यू कार्य किया जा रहा है। इस अभियान में अब तक कूल 18 लोगों को रेस्क्यू कर उदयपुर चित्रकूट नगर स्थित पुनर्वास गृह में पुनर्वासित किया गया, जिसमें 3 लोग अन्य राज्य से एवं अन्य 15 लोग उदयपुर के आसपास के क्षेत्रों से संबंधित है।
अभियान संयोजक एवं राजस्थान बाल आयोग के पूर्व सदस्य डॉ. शैलेन्द्र पण्ड्या ने बताया कि कुछ स्थानों पर बच्चों से बालश्रम एवं भिक्षावृत्ति करवाए जाने की सूचना मिलने पर वहां जांच की जा रही है। यदि ऐसे कोई बच्चे मिले तो उन्हे रेस्क्यू करने के साथ दोषियों के खिलाफ कानूनन कार्यवाही भी होगी। बाल कल्याण समिति उदयपुर के सदस्य जिग्नेश दवे ने बताया कि बेसहारा एवं निराश्रित बच्चो की सूचना आमजन चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर कर सकते हैं। इस अवसर पर राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं बाल विकास संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष गोविन्द जांगीड ने उदयपुर प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए इस पहल से निराश्रित एवं बेसहारा लोगों के आवास एवं भोजन की व्यवस्था की जानकारी दी। रेस्क्यू अभियान में बाल अधिकारिता विभाग की सहायक निदेशक उदयपुर मीना शर्मा, राहडा फाउन्डेशन की निदेशक अर्चना सिंह, राष्ट्रीय मनावाधिकार एवं बाल विकास संस्थान के प्रतिनिधी सहित पुलिस विभाग के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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भिक्षावृत्ति मुक्त उदयपुर अभियान: 18 लोगों को रेस्क्यू कर पुनर्वास गृह भेजा
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