धैर्य ही पारिवारिक एकजुटता की धुरी – कुम्भट

-80 पार वरिष्ठ महिलाओं का सम्मान
उदयपुर, 04 मार्च। बच्चा मां के पेट से संस्कार सीखता है। संघर्ष पिता से सीखता है। बाकी सब दुनिया सिखा देती है।
यह बात 86 वर्षीय श्रीमती रेखा मोगरा ने महिला समाज सोसायटी की ओर से आयोजित महिला शक्ति दिवस पर कही।  अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में उम्र के 8 दशक पार कर चुकीं महिलाओं का अभिनन्दन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ महिलाओं ने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए परिवार की सार-संभाल, नई पीढ़ी में संस्कार और पारिवारिक एकजुटता के महत्व को प्रतिपादित किया। सोसायटी की अध्यक्ष श्रीमती माया कुम्भट ने कहा कि शक्ति व संघर्ष करके ही हम समाज को बदल सकते हैं। उन्होंने कहा कि महिला धैर्य का दूसरा नाम है और धैर्य ही पारिवारिक एकजुटता की धुरी है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उद्योगपति श्रीमती ममता जैन थी। उन्होंने पिता या पति की मृत्यु हो जाने के बाद अचानक संकट में आ जाने वाली महिलाओं के लिए स्वावलम्बन अभियान की आवश्यकता जतायी और सोसायटी से ऐसे कार्यक्रम करने का आहृान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्रीमती अनुश्री ने कहा कि महिला जिस बात का संकल्प धारण कर लेती है उसे पूरा करती है। कार्यक्रम में 83 वर्षीय सुषमा गोयल व 80 की उम्र पार कर चुकी कौशल्या रूंगटा का अभिनन्दन किया गया। साथ ही, अपने विवाह के 50 वर्ष पूरे कर चुकी श्रीमती गणपत छाजेड़ का भी स्वागत किया गया।
कार्यक्रम में पुलिस पेट्रोलिंग टीम की श्रीमती मीनाक्षी गरासिया ने भी विचार व्यक्त करते हुए कहा कि महिलाओं को समय निकाल कर आत्मरक्षा का प्रशिक्षण अवश्य लेना चाहिए।
कार्यक्रम का संचालन शारदा तलेशना ने किया और संस्था का परिचय चंद्रकांत मेहता ने दिया। कार्यक्रम में मीनू कुंभट, स्वाति भार्गव, उषा व्यास, निर्मला सहलोत, सुशीला भंडारी, यशवंत भंसाली, ज्योत्सना मिंडा, बेला कारवां, शकुंतला घोष, मीनाक्षी लोढ़ा, श्वेता तलेसरा, पूर्ण कला सुराणा, सुशीला सिंघवी, उषा गणपत, उषा गुप्ता, चंद्रकला कोठारी आदि उपस्थित थीं।

By Udaipurviews

Related Posts

error: Content is protected !!