दिगम्बर समाज के दसलक्षण पर्यूषण महापर्व 31 अगस्त से
उदयपुर, 24 अगस्त। पायड़ा स्थित पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में देवश्रमण आचार्य कुशाग्रनंदी महाराज, मुनि अजयदेव व भट्टारक देवेंद्र विजय, ब्रम्हचारिणी आराधना दीदी व अमृता दीदी संघ के सानिध्य में सकल दिगम्बर जैन समाज पायड़ा में चातुर्मासिक प्रवचन के साथ नित्य नियम पूजन व जलाभिषेक आदि धार्मिक कार्यक्रम हुए। प्रचार संयोजक संजय गुडलिया, दीपक चिबोडिया ने आगामी 31 अगस्त से 9 सितंबर तक पर्वराज दसलक्षण पर्युषण महापर्व धूमधाम से पायड़ा स्थित पद्मप्रभु दिगम्बर जैन मंदिर में आचार्य संघ के सानिध्य में मनाया जाएगा। पर्युषण पर्व के दौरानप ध्यान शिविर, श्रीजी पर अभिषेक शांतिधारा एवं पूजा तथा आचार्य के प्रवचन, सामायिक, प्रतिक्रमण तथा आरती एवं भक्ति तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन होगें।
इस दौरान आयोजित धर्मसभा में आचार्य कुशाग्रनंदी महाराज ने कहा कि जब तक ना सफल हो नींद चैन को त्योगो तुम, सघर्ष का मैदान छोड़ कर न भागो तुम, कुछ किये बिना जय जय कार नहीं होती, कौशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती। इज्जत से रोटी कमाने वाला भगवान के बराबर होता है, मां तो 9 महिने पालती है लेकिन एक बाप जिंदगी भर बच्चे को पालता है, मां तो सोचती है कि मैरा बेटा आज खाना कैसा खायेगा, लेकिन एक बाप सोचता है कि मेरे बच्चे जिंदगी भर कैसे खायेगे। जिस दिन भारतीय लोग अभिनेताओ की बजाय। देश के बिजनेसमैन को अपना आदर्श मानने लगेंगे, उस दिन सचमुच हमारा देश प्रगति करेगा। लोग पुरूषार्थ शब्द को हर तरह की मेहनत से जोड़ देते है। वास्तव में पुरुषार्थ का अर्थ है आत्मा की शक्ति को बढ़ाने के लिए कर्म करना…और आत्मा की शक्ति बढ़ती है, शुद्ध विचार, अच्छा व्यवहार व पुण्य कर्म से, तो पुरा दिन चेक करना है कि क्या हम पुरुषार्थ कर रहे है। अगर जमीन होगी कोई भी छीन लेगा, पैसे होगे कोई भी लुट लेगा, तु पढ़ा लिखा होगा तो तुझ से कोई कुछ नही छीन सकता,अगर तुझे अन्याय से जीतना है तो पढ़, पढ़ लिखकर एक ताकतवर इंसान बन, लेकिन अपनी ताकत का गलत इस्तेमाल मत करना जैसे आजकल लोग कर रहै है, नफरत हमें तोड़ती है, प्यार हमें जोड़ता है। हम एक ही मिट्टी के बने है लेकिन जातिवाद ने हमें अलग कर दिया, हम सबको इस सोच से उभरना होगा।